
अतरौली में सांड़ के हमले में मारा गए अशोक के परिजन विलाप करते हुए
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कोतवाली के रामघाट-कल्याण मार्ग स्थित डुकरिया वाली प्याऊ के निकट 21 दिसंबर दोपहर करीब 11 बजे निराश्रित सांड़ों की लड़ाई हो गई। लड़ते हुए एक सांड ने आरामशीन पर बैठे एक लकड़ी ठेकेदार पर हमला कर दिया। उसे दो तीन बार उठा उठा कर पटका। जिससे सींग ठेकेदार के पेट और सीने में घुस गए। वह बुरी तरह से घायल हो गया। ये देख आसपास के लोग उसे बचाने पहुंचे। आननफानन में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आए दिन सांड़ों के हमलों से गुस्साए लोगों ने रामघाट-कल्याण मार्ग पर करीब 12 बजे सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया। दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी लोगों को समझाकर जाम खुलवाया और शव को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सभी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
अतरौली के गांव मोहम्मदपुर बढ़ेरा निवासी 46 वर्षीय अशोक कुमार पुत्र बदन सिंह लकड़ी ठेकेदार थे। 21 दिसंबर को वह अपनी लकड़ियां लेकर डुकरिया वाली प्याऊ के निकट आरामशीन पर गए थे। इसी आरामशीन पर वह मजदूरी भी करते थे। लकड़ियां डालने के बाद वह अन्य लोगों के साथ धूप में बैठकर बातें कर रहे थे। इसी दौरान पास में डुकरिया वाली प्याऊ पर मौजूद सांड़ों का एक झुंड में आपस में लड़ता हुआ तेजी से टाल के पास आ गया।
सांड़ों को लड़ते हुए देख अन्य लोग तो वहां से भाग खड़े हुए लेकिन अशोक कुमार भागते हुए पैर फिसल जाने से वहीं गिर गए। इससे पहले कि वह उठकर फिर से भाग पाते एक सांड़ ने उन पर हमला कर दिया। उसने सींगों पर उठा उठाकर उन्हें कई बार जमीन पर पटका और दीवार पर भी मारा। इससे अचानक भगदड़ मच गई और वहां मौजूद लोगों की घिग्गी बंध गई। लोगों ने लाठी डंडे लेकर अशोक को सांडों के चंगुल से छुड़ाने का भरसक प्रयास किया।
काफी हिम्मत करते हुए लोग जैसे तैसे अशोक कुमार को सांडों के चंगुल से छुड़ा पाए लेकिन तब तक वह बुरी तरह से लहूलुहान हो गया था। लोग उन्हें आनन फानन चिकित्सक के पास लेकर पहुंचे जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पर परिवार और गांव के लोग भी मौके पर पहुंच गए। शव को देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। निराश्रित गोवंशों का इंतज़ाम नहीं कर पाने पर प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने रामघाट कल्याण मार्ग पर जाम लगा दिया और जमकर नारेबाजी की।
ग्रामीणों की मांग थी कि मृतक के परिजनों का मुआवजा दिया जाए और निराश्रित गोवंशों का इंतजाम हो। सूचना पर सीओ मो. अकमल खान, नायब तहसीलदार सुरेंद्र गौतम, इंस्पेक्टर रणजीत सिंह व पूर्व ब्लॉक प्रमुख मनोज कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाते हुए शासन स्तर से हर संभव मदद कराने का आश्वासन देकर गुस्साए लोगों को शांत किया और जाम खुलवाया। डेढ़ घंटे तक जाम लगा होने के कारण वाहनों की लंबी लाइनें लगी रहीं।
आरामशीन परिसर में घुसे गोवंश के द्वारा मारे गए लकड़ी ठेकेदार के परिजनों को वन्य जीव अधिनियम दैवीय आपदा के तहत चार लाख रुपये की मदद के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा। अतरौली मंडी समिति की ओर से भी किसान निधि के तहत सहायता दिलाने का प्रयास होगा। परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी। -अनिल कटियार, एसडीएम अतरौली।