छत्तीसगढ़ में इन प्रवासी पक्षियों की चहलकदमी देख आप भी कह उठेंगे; जस्ट लुकिंग लाइक वॉव

रामकुमार नायक/रायपुरः छत्तीसगढ़ में इन दिनों लगातार ठंड बढ़ रही है. प्रदेश में सरगुजा संभाग के न्यूनतम तापमान लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है ऐसे में सरगुजा संभाग के जलाशयों में इनदिनों मेहमान प्रवासी परिंदों के आने का सिलसिला जारी हो गया है. वहीं सरगुजा संभाग के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों का दल ठंड के सीजन में अब ठहरने लगा है. दरअसल सरगुजा संभाग के कोरिया जिले से लेकर सरगुजा के छोटे-बड़े बांधों और जलाशयों में इनकी चहलकदमी देखी जा रहीं है.

तस्वीर में काफी खूबसूरत दिख रहें ये परिंदे प्रवासी पक्षी रेड क्रेस्टेड पोचार्ड हैं, जो अपना डेरा कोरिया के खैरी डैम में बनाएं हुए है. जिसे पक्षी और पर्यावरण प्रेमी डॉक्टर हिमांशु गुप्ता ने कड़ी मशक्कत के बाद पानी में उतरने के बाद अपने कैमरे में इनकी तस्वीरें कैद की है.

57 सेमी. रहती है इनकी लंबाई
पर्यावरण और पक्षी प्रेमी डॉक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि ये परिंदे प्रवासी पक्षी है, जिनका नाम रेड क्रेस्टेड पोचार्ड है. जो बत्तख की प्रजाति है, जिनकी लंबाई 57 सेमी तक होती है और ये दिखने में काफी खूबसूरत होते है. जो लंबा सफर तय कर यहां अपने प्रवास पर आकर रुकते है और ये भोजन की तलाश में दोपहर के समय बांध के अंदर चहलकदमी करते है.

प्रवासी पक्षियों को पसंद आ रही भारत की ठंड
डॉ. हिमांशु गुप्ता ने आगे यह भी बताया कि ये यूरोप से आते है जो सरगुजा संभाग के अलग-अलग जिलों यानी कोरिया के खैरी डैम, अंबिकापुर के कुंवरपुर डैम सहित अलग इलाकों के जलाशयों में आकर रुकते हैं.

यूरोप से उड़ान भरकर भारत पहुंचते है और ये पूरे ठंड में भारत के अलग-अलग हिस्सों में बिताते है प्रजनन भी करते है फिर मार्च महीने में इनके लौटने का सिलसिला शुरू हो जाता है. कई बार इन मेहमान प्रवासी पक्षियों का शिकार कुछ शिकारी लोग करते है. जिससे इनकी संख्या कम हो रहीं है. उन्होंने आम लोगों सहित प्रशासन से अपील की है कि इन प्रवासी पक्षियों का शिकार नहीं करना चाहिए क्योंकि ये मेहमान परिंदे है और इनके शिकार पर रोक लगना चाहिए.

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