
नरपिशाच दंपती समेत चार को उम्रकैद
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दंपती के छह बच्चे थे। दिवाली पर घर के बाहर खेल रही चौथे नंबर की सात वर्षीय बच्ची पर परशुराम के भतीजे अंकुल की क्रूर निगाहें पड़ीं और वह दोस्त वीरन के साथ मिलकर मासूम को अगवाकर ले गया। रुपयों के लालच में दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं।
दुष्कर्म फिर हत्या और इसके बाद शव से हृदय, फेफड़े, जिगर, आतें तक निकाल डालीं। सिर्फ रीढ़ की हड्डी और टूटी पसलियों के हिस्से शव पर दिख रहे थे। वीभत्स कांड का यह नजारा जिसने देखा आह निकल पड़ी। यही कारण था कि शनिवार को कानपुर देहात ही नहीं आसपास के जिलों तक के लोगों की निगाहें फैसले पर रहीं।
दिवाली के दिन जब ज्यादातर लोग पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना में लगे थे, तभी घाटमपुर के भदरस गांव में एक दंपती ऐसा था, जो तंत्र मंत्र के लिए काली पूजन में मशगूल था। मंदिरों के चक्कर काटकर थक चुके परशुराम व उसकी पत्नी सुनैना को जब विवाह के 19 साल बाद भी संतान सुख नहीं मिल सका तो तंत्र-मंत्र का सहारा लिया।