परिवार ने 2 किमी तक ठेले पर ढोया जवान बेटे का शव,अस्पताल मेंं एंबुलेंस नहीं थी

दमोह. एमपी के दमोह से फिर मानवता और पूरे सिस्टम को शर्मसार करने वाली खबर आयी है. यहां एक परिवार को अपने मृत परिजन का शव ठेले पर ढोना पड़ा क्योंकि अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिली. बाद में अस्पताल प्रशासन ने सफाई दी कि उनके पास एंबुलेंस नहीं है इसलिए लोगों को इंतजाम खुद करना पड़ता है.

ये खबर मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली भी है. एक बार फिर एक लाचार परिवार को अपने परिजन का शव हाथ ठेले पर ले जाना पड़ा. मामला दमोह जिले के हटा ब्लाक मुख्यालय का है. हटा में आज सुबह धनुषधारी मंदिर के पास 40 वर्षीय कमलेश पटेल सन्देहास्पद परिस्थितियों में गंभीर हालत में पड़ा मिला था. उसे हटा के सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.

2 किमी तक ठेले पर ढोया शव
पुलिस के पास मामला पहुंचा तो पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की. शव का पोस्टमार्टम कराकर लाश परिवार को सौंप दी. लेकिन उसके बाद जो हुआ वो शर्मसार कर देगा. मृतक कमलेश के परिजन अस्पताल प्रबंधन से शव को घर तक ले जाने की व्यवस्था करने की मिन्नत करते रहे. वो कहते रहे कि उन्हें एम्बुलेंस मुहैया करा दी जाए. लेकिन पीड़ितों की किसी ने नहीं सुनी. आखिरकार कमलेश के परिवार वालों को शव ले जाने के लिए हाथ ठेले की व्यवस्था करना पड़ी. दुखी परिवार करीब दो किलोमीटर तक शव को इसी तरह लेकर गया.

Shameful : लाचार परिवार ने 2 किमी तक ठेले पर ढोया जवान बेटे का शव, अस्पताल में एंबुलेंस नहीं थी

अस्पताल प्रशासन ने दी सफाई
अस्पताल प्रशासन से बात करने पर उनकी तरफ से ब्लाक मेडिकल आफिसर डॉ अमन श्रीवास्तव का कहना है सिविल अस्पताल हटा में शव वाहन की व्यवस्था नहीं है. अमूमन परिजन ऐसी स्थिति में खुद इंतज़ाम करके शव ले जाते हैं. हालांकि इस पीड़ित परिवार की बात उन तक नहीं पहुंची वरना वो कुछ इंतज़ाम कर देते.

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