नई दिल्ली: रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया. इस बात को करीब 22 माह हो गए हैं, लेकिन जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. जाहिर सी बात है कि इतने लंबे समय से चल रही जंग में दोनों पक्षों के काफी लोग हताहत हुए हैं. हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने अपना आकलन कांग्रेस (संसद) के साथ साझा किया. इससे यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की सैन्य क्षमताओं पर पड़ने वाले गंभीर प्रभाव का पता चलता है.
315,000 रूसी सैन्यकर्मी मारे गए या घायल हुए
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, रूस की युद्ध-पूर्व सेना का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा मृत्यु या घायल होने के कारण खत्म हो गया है, साथ ही हजारों युद्ध टैंक नष्ट हो गए हैं. कांग्रेस के एक सूत्र से प्राप्त आकलन से पता चलता है कि फरवरी 2022 में मॉस्को की 360,000 की सेना को यूक्रेन पर आक्रमण के लिए उतारा गया था.लेकिन इतने दिनों में 315,000 रूसी सैन्यकर्मी मारे गए या घायल हुए हैं. यह मॉस्को की 360,000 की युद्ध-पूर्व सेना का 87 फीसदी है.
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टैंक बल को भी लगा झटका
इसके अलावा, रूस के टैंक बल को भी करारा झटका लगा है. युद्ध-पूर्व उसके पास 3,500 टैंक थे. लेकिन उसमें से 2,200 टैंक या तो नष्ट हो गए हैं, या गायब हो गए हैं. ये कुल संख्या का लगभग दो तिहाई हैं. हालांकि यह पहले से ही पता था कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना को यूक्रेन में काफी नुकसान हुआ है. लेकिन यह आकलन रूस की सेना के बारे में नई और विस्तृत जानकारी प्रदान करता है.

ज़ेलेंस्की जाएंगे वॉशिंगटन यात्रा पर
इस मूल्यांकन का जारी होना यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की वॉशिंगटन यात्रा के लिए अहम है, जहां वह लगातार अमेरिकी सैन्य सहायता की वकालत कर रहे हैं.
सूत्र ने कहा कि रिपोर्ट में यह भी आकलन किया गया है कि यूक्रेनी सेना के कारण सैनिकों और टैंकों के नुकसान ने रूस के सैन्य आधुनिकीकरण को 18 साल पीछे धकेल दिया है. रूसी दूतावास ने इसका तुरंत जवाब नहीं दिया है.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2023, 14:22 IST