निखिल त्यागी / सहारनपुरःसहारनपुर की लकड़ी नक्काशी के लिए विश्वप्रसिद्ध है. जनपद में लकड़ी की नक्काशी करने वाले एक कारीगर के पास 35 साल पुराना एक संदूक है. इस संदूक को देखकर लगता है कि यह हस्तशिल्प का नायाब नमूना है. ताजमहल की तरह ही इस संदूक को बनाने वाले हाथ के कारीगर की कलाकारी देखकर सभी को हैरानी होती है. इस नायाब सन्दूक पर लकड़ी की नक्काशी की गयी है और लकड़ी पर पीतल धातु से डिजाइन बनाये गए हैं.
लकड़ी पर नक्कासी कर विभिन्न उत्पाद बनाने वाले कारोबारी मौहम्मद नदीम ने बताया कि उनकी दुकान पर एक से एक लकड़ी से बनी चीज़ मिलती है. उन्होंने बताया कि लकड़ी पर कारीगरों द्वारा बारीकी से नक्कासी की जाती है और उसके ऊपर पीतल की धातु से डिजाइन बनाकर उसकी सुंदरता पर चार चांद लग जाते हैं. नदीम ने बताया कि उनके दुकान पर रखी एक तोप ग्राहकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
प्रधानमंत्री ने खूब प्रशंसा की थी
उन्होंने बताया कि कारीगर द्वारा इस तोप को पापड़ी प्रजाति की लकड़ी से बनाया गया है. 6 फ़ीट ओर10 फिट लम्बी बनाई गई इस लकड़ी की तोप को बैंक्वेट हॉल, बैठक व घर आदि में इसको सजावट के लिए रखा जाता है. नदीम के भाई ने इन सुंदर तोप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट कर सहारनपुर की विश्व प्रसिद्ध लकड़ी की कारीगरी का नमूना पेश किया था. जिसकी प्रधानमंत्री ने खूब प्रशंसा की थी.
35 वर्षो से बंद है संदूक में एक खूबसूरत राज
मौहम्मद नदीम ने बताया कि इस सन्दूक को बनाने वाला कारीगर ताजमहल को बनाने वाले कारीगर की याद दिलाता है. उन्होंने बताया कि शीशम की लकड़ी से बने इस सन्दूक पर की गई कारीगरी सभी को आश्चर्यचकित करती है. सन्दूक को देखने पर लगता है कि जैसे कारीगर ने इसको दिल्लगी के साथ बनाया होगा. उन्होंने बताया कि लकड़ी पर बारीक नक्कासी करने के बाद कारीगर द्वारा इसके ऊपर बारीकी से पीतल धातु का डिजाइन बनाया गया है.
सन्दूक एक धरोहर की तरह
सन्दूक के अंदर कारीगर द्वारा हस्तशिल्पी की कारीगरी से लकड़ी पर बारीकी से नक्कासी कर सुंदर ताजमहल बनाया गया है. जो इस सन्दूक का नायाब हीरा है. नदीम ने बताया कि इस तरह की नक्कासी करने वाले कारीगर अब बहुत कम मिलते हैं. उन्होंने बताया कि हस्तशिल्पी द्वारा बनाये गए सन्दूक एक धरोहर की तरह है, जिसकी कोई कीमत नही होती है. इस तरह के उत्पाद बेशकीमती होते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2023, 16:26 IST