छोटे बच्चों के दांत निकलने पर उन्हें दर्द और असहजता महसूस होती है। ऐसे में कई बार वह लगातार रोते हैं और चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स के लिए बच्चे को संभालना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर आपके बच्चे के भी दांत निकल रहे हैं और वह दर्द में हैं। तो यह आर्टिकल आपके लिए हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको करवाने से आप बच्चे की तकलीफ को काफी हद तक कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन एक्सरसाइज के बारे में…
ऐसे कराएं एक्सरसाइज
बता दें कि दांत निकलने पर बच्चों के मसूड़े फूल जाते हैं। ऐसे में बच्चे के फेस पर आंखों से लेकर कान की ओर स्ट्रोक चलाएं। साथ ही लोअर लिप से कान की ओर और अपर लिप से कानों की ओर ट्रोक चलाएं। फिर कानों से ठोड़ी की तरफ स्ट्रोक चलाएं। दिन में दो से तीन बार ऐसा करने से बच्चे को दर्द में आराम मिलेगा।
इस समय निकलते हैं बच्चे के दांत
जब बच्चा तीन महीने का होता है तो उसके दांत निकलना शुरू हो जाते हैं। 4 से 7 महीने की उम्र में मसूड़ों के अंदर बच्चे का पहला दांत आना शुरू हो जाता है। सबसे पहले सामने वाले पोर्शन में बच्चे के दांत निकलते हैं। इसे सेंट्रल इंसिजर कहा जाता है। आमतौर पर सामने के ऊपरी दांत 4 से 8 सप्ताह के अंदर आते हैं। फिर करीब 1 महीने बाद नीचे के दांत आना शुरू हो जाते हैं।
दांत निकलते पर दिखते हैं ऐसे लक्षण
जब बच्चे के मसूड़े में सूजन आने के साथ यह लाल होने लगते हैं। वहीं शिशु के शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से कम होता है। तो यह बच्चे के दांत निकलने के लक्षण होते हैं। दांत निकलने पर बच्चे के चेहरे पर रैशेज आ जाते हैं और शिशु अपने कानों पर बार-बार हाथ फेरने लगता है। वहीं दांतों के दर्द और असहजता को दूर करने के लिए बच्चे के हाथ में जो भी आता है, वह उसे अपने मुंह में डालता है। वहीं दर्द के कारण बच्चे को रात में सही से नींद भी नहीं आती है।
बच्चे के दांत निकलने पर क्या करें
बच्चे के दांत निकलने पर मुंह से लार निकलने लगती है। इसको बार-बार साफ करते रहें। साथ ही साफ उंगली से बच्चे के मसूड़ों को धीरे-धीरे मसलें। वहीं बच्चे को चबाने के लिए भी कुछ दें। इसके अलावा फ्रिज में 30 मिनट के लिए एक गीला कपड़ा रख दें। फिर इस कपड़े को बच्चे के दांत पर मसलें। इससे बच्चे को दर्द में राहत मिलेगी।
डॉक्टर को दिखाएं
इसके अलावा दांत निकलने पर बच्चे को समय-समय पर पीडियाट्रिशयन और डेंटिस्ट के पास चेकअप के लिए जाएं। इससे आप भी निश्चिंत रहेंगे। साथ ही डेंटिस्ट को दिखाने से बच्चे को भी आराम मिलेगा।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।