विनय अग्रिहोत्री/भोपाल. हिंदू सनातन धर्म में 34 करोड़ देवी देवताओं के बारे में बताया गया है. लाखों मंदिर देश दुनिया में पाए जाते हैं. हर मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद और दान भी विभिन्न तरीके के होते हैं. इन्हीं में से एक मंदिर राजधानी भोपाल की आरेरा कॉलोनी E-5 में है. जो महिला सशक्तिकरण के लिए काम करता हैं. इस मंदिर में महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड्स दान में लिए जाते हैं, जो दुनियाभर में अनोखा है.
भोपाल के हेशेल फाउंडेशन के डायरेक्टर दीपांश मुखर्जी ने कहा कि अन्नपूर्णा देवी मंदिर में दान में मिलने वाले सेनेटरी पैड और मेंस्ट्रुअल कप को फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन भोपाल की मदद से भोपाल के स्लम एरिया, गर्ल्स सरकारी स्कूलों में सेनेटरी पैड डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है. सेनेटरी पैड बांटने का आईडिया असम के गुवाहाटी में कामाख्या देवी टेंपल से आया, वहां अंबोवाची एक फेस्टिवल होता है. जहां पर मेंस्ट्रअल हेल्थ और हाइजीन के ऊपर काम करता है.
4 महीनों में 11 हजार सेनेटरी पैड किया दान
उन्होंने ने आगे कहा कि मार्केट से फूल माला खरीदते हैं जो कि इनकी कीमत 100 से लेकर 200 रुपए तक होती है. अगले दिन हमें फूल मालाओं को कचरे के डिब्बे में डालना पड़ता है और मिठाइयों को लोगों को देना पड़ता है. मुझे इसमें कुछ बेनिफिशियल नहीं लगा. हम ऐसा कुछ करें जो लोगों के पैसे अच्छी जगह लगे. मैं मानता हूं कि लोगों की यह आस्था है. मैं इसका सम्मान भी करता हूं. इस अन्नपूर्णा देवी मंदिर में पिछले चार महीनों में 11 हजार से ज्यादा सेनेटरी पैड का लोगों ने यहां दान किया है. भारत में क़रीब 35.5 करोड़ महिलाएं और लड़कियां हैं जिन्हें पीरियड्स होता है. सरकार के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (एनएफ़एचएस) के अनुसार 15-24 साल की 42 फ़ीसद लड़कियां का इस्तेमाल करती हैं. अगर इन आंकड़ों में 24 साल से बड़ी उम्र की महिलाओं की संख्या जोड़ दी जाए तो पीरियड्स के दौरान सेनेटरी पैड इस्तेमाल करने का प्रतिशत और बढ़ जाएगा.
तीन तरह के दान मंदिर में चढ़ाए जाते हैं
मां अन्नपूर्णा के दरबार में भक्त दान के रूप में पहला, अन्न दान, इसमें मोटा अनाज जैसे गेहूं, दाल, का दान लिया जाता है. दूसरा विद्या दान, इसमें दानदाताओं से बच्चों की पढ़ाई के काम आने वाली किताबें, कॉपियां, पेन-पेंसिल स्टेशनरी का सामान होता है. तीसरा आरोग्य दान, इसमें सेनेटरी पैड और मेंस्ट्रअल कप का दान करते हैं. एमएचएआई संस्थाओं का नेटवर्क है जो माहवारी के दौरान स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधित विषयों पर काम करता है. इनके आकलन के मुताबिक 12.1 करोड़ महिलाएं सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल करती हैं. अगर एक साइकिल में महिलाएं आठ पैड्स का इस्तेमाल करती हैं तो एक महीने में महिलाएं एक अरब पैड्स का इस्तेमाल करती हैं यानि एक साल में 1200 करोड़ पैड्स का इस्तेमाल होता है.
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FIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 17:10 IST