नई दिल्ली:
हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के दौरान दो होम गार्डों की मौत के मामले में दायर आरोप पत्र से संकेत मिलता है कि जुलाई में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की यात्रा के दौरान दंगे भड़कने का कारण साल की शुरुआत में कथित तौर पर गौरक्षकों के हाथों दो मुस्लिम पुरुषों की हत्या था. पुलिस ने यह बात कही है. पुलिस के अनुसार, आरोप पत्र में नामजद तीन लोगों ने कहा कि 31 जुलाई की नूंह हिंसा फरवरी में नासिर और जुनैद की हत्याओं की प्रतिक्रिया में हुई थी. यह अफवाह भी थी कि गौरक्षक मोनू मानेसर यात्रा में शामिल होंगे.
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पुलिस ने कहा कि 24 नवंबर को दायर आरोप पत्र में ढेकली गांव के निवासी 21 वर्षीय सोहिल खान, नूंह जिले के फिरोजपुर नमक निवासी 30 साल के ओसामा और 25 साल के शौकीन का नाम शामिल है. इन तीन लोगों के कबूलनामे के अनुसार, पुलिस ने कहा कि नूंह हिंसा बजरंग दल और हिंदू धर्म के प्रति “नफरत” का परिणाम थी.
नूंह में 31 जुलाई को अनाज मंडी इलाके से गुजर रही वीएचपी की यात्रा पर भीड़ ने पथराव किया था और जब होम गार्ड नीरज और गुरसेवक वहां पहुंचे तो वे भी हमले के शिकार हो गए. इंस्पेक्टर अजय कुमार ने 160 से अधिक पन्नों की चार्जशीट में यह बात कही है.
भीड़ ने यात्रा में भाग लेने वालों पर पथराव और गोलीबारी की थी और पुलिस वाहन की खिड़कियां भी तोड़ दी थीं. बाद में उन्होंने वाहन को पलट दिया था और आग लगा दी थी.
पुलिस द्वारा चेतावनी के तौर पर हवा में गोलियां चलाने के बाद ही भीड़ तितर-बितर हुई थी. पुलिस ने बताया कि हमले में घायल हुए नीरज और गुरसेवक को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
पुलिस ने कहा कि सोहिल खान को 26 अगस्त को दो मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया गया था. जब उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच की गई तो वह 31 जुलाई को नूंह में पाया गया. उन्होंने बताया कि उसके कब्जे से बरामद एक थार वाहन का इस्तेमाल लाठी, तरल पदार्थ और पत्थर ले जाने के लिए किया गया था. पुलिस ने कहा, अपने कबूलनामे के अनुसार, सोहेल ने दावा किया कि नासिर और जुनैद की हत्या के बाद उसके समुदाय के लोग नाराज हो गए थे.
सोहेल ने एक ऑडियो पोस्ट किया था जिसमें एक व्हाट्सऐप ग्रुप के सदस्यों को यात्रा के लिए ‘तैयार’ रहने के लिए कहा गया था और उसके दोस्त जुनैद ने भी एक वीडियो संदेश जारी किया था जिसमें उसने मोनू मानेसर को यात्रा में भाग लेने की गलती न करने की चेतावनी दी थी.
पुलिस ने कहा, “बाद में वे साइबर पुलिस स्टेशन के पास इकट्ठे हुए जहां उन्होंने न केवल बस से पुलिस स्टेशन का गेट तोड़ दिया, बल्कि पुलिसकर्मियों की पिटाई की और उनके मोबाइल और नकदी भी छीन ली.”
शौकीन ने अपने बयान में कहा है कि फरवरी में गौरक्षकों द्वारा कथित तौर पर नासिर और जुनैद की हत्या स्थानीय लोगों और बजरंग दल (विहिप की युवा शाखा) के बीच संघर्ष का कारण थी. पुलिस ने आरोप पत्र में कहा कि ओसामा ने अपनी गवाही में अन्य दो के बयानों की पुष्टि की, जिसमें 15 और लोगों के नाम हैं.