देश का सबसे बड़ा ऐड टैक प्लेटफार्म बायजूस इन दिनों लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। कंपनी की हालत लगातार खराब होती जा रही है। कंपनी अब अपने कर्मचारियों को वेतन देने की स्थिति में भी नहीं है। इसी बीच बायजूस के मालिक ने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए अपना घर गिरवी रखा है। इसका दावा मीडिया रिपोर्ट में किया गया है।
नकदी संकट से जूझ रही कंपनी
बायजूस के कर्मचारियों का वेतन काफी समय से अटका हुआ है। इस वेतन को देने में भी कंपनी असमर्थ है। कर्मचारियों की परेशानी को दूर करने के लिए बायजूस के मालिक रविचंद्रन ने अपना घर भी गिरवी रख दिया है, ताकि कर्मचारियों को वेतन की परेशानी से ना जूझना पड़े। रविचंद्रन ने बेंगलुरु में अपने घर को गिरवी रखा है ताकि वेतन के लिए पैसा जुटाया जा सके। कंपनी में लंबे समय से फाइनेंशियल क्राइसिस चल रहा है। सिर्फ यहीं नहीं कंपनी का कर्ज देने वाले संस्थानों के साथ भी मनमुटाव है, जिस वजह से कानूनी लड़ाई जारी है।
घर गिरवी रखने पर मिले 100 करोड़
बायजूस के मालिक को अपना घर गिरवी रखने के लिए 12 मिलियन डॉलर यानी 100 करोड़ रुपए मिले है। उन्होंने घर और एप्सिलॉन में उनका निर्माणाधीन विला को गिरवी रखा है। इस रकम से कंपनी की 15000 कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जाएगा। बायजूस में चल रहे इस परेशानी के कारण कंपनी की वैल्यूएशन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बायजूस को मार्च, 2023 तक एपिक और अन्य सहायक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी की आंशिक बिक्री से भी वित्त जुटाने की उम्मीद है।
बायजूस से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि कंपनी के हर महीने के खर्चे और आय में लगभघ 50 करोड़ रुपये का अंतर आ गया है। इस अंतर को दूर करने के लिए परिवार के सदस्यों के शेयर, घर व अन्य संपत्तियों को गिरवी रखा गया है। मार्च तक कंपनी का सही से संचालन करने के उद्देश्य से कंपनी को 600 से 700 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जिसके लिए रकम जुटाने की लगातार कोशिश की जा रही है। माना जा रहा है कि उस समय तक एपिक और कुछ अन्य सहायक कंपनियों में आंशिक हिस्सेदारी की बिक्री से हालात थोड़े सहज हो जाएंगे।
होने वाली है कंपनी की एनुअल बैठक
इसी बीच आर्थिक तौर पर परेशान बायजूज कंपनी ने आगामी 20 दिसंबर को वार्षिक आम बैठक भी बुलाई है। इस बैठक में प्रवर्तकों द्वारा गिरवी रखी गई संपत्तियों को कंपनी के बोर्ड के ध्यान में लाया जाएगा। इस बैठक में वित्त वर्ष 2021-22 के वित्तीय नतीजों को भी शेयरधारकों के समक्ष रखा जाएगा। एक सूत्र ने कहा कि कंपनी 160 करोड़ रुपये के प्रायोजन बकाया के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को पुनर्भुगतान कार्यक्रम पेश करने की प्रक्रिया में है।
एपिक की बिक्री उन्नत चरण में पहुंच चुकी है। इसके अलावा मौजूदा निवेशकों से भी नए फंड डालने की उम्मीद की जाती है। हालांकि इस संबंध में टिप्पणी के लिए बायजू को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला। पिछले महीने मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप के चेयरमैन रंजन पई ने बायजू द्वारा डेविडसन केम्पनर से जुटाए गए 1,400 करोड़ रुपये के कर्ज का अधिग्रहण किया था। पई के स्वामित्व वाला फंड आरिन कैपिटल बायजू में 2013 में पहला संस्थागत निवेशक था।