Pradosh Vrat 2023: हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखा जाता है. भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रदोष व्रत बहुत महत्व रखते हैं. दिसंबर माह में दोनों प्रदोष व्रत रविवार को होने के कारण रवि प्रदोष व्रत होंगे. रवि प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat) आरोग्य और सौभाग्य लाने वाला होता है. दिसंबर को पहला प्रदोष व्रत 10 दिसंबर, रविवार और दूसरा व्रत 24 दिसंबर, रविवार को रखा जाएगा. आइए जानते हैं रवि प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व.
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दिसंबर माह का पहला रवि प्रदोष व्रत
दिसंबर माह का पहला रवि प्रदोष व्रत 10 दिसंबर, रविवार को रखा जाएगा. दिन भर व्रत रखने के बाद प्रदोष काल (Pradosh Kaal) में भगवान शिव की पूजा होगी. पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 11 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगी. प्रदोष काल में शाम 5 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 8 मिनट तक पूजा का मुहूर्त है.
दिसंबर माह का दूसरा रवि प्रदोष व्रत
दिसंबर माह का दूसरा रवि प्रदोष व्रत साल का अंतिम प्रदोष व्रत होगा और 24 दिसंबर रविवार को रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 25 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगी. शाम 5 बजकर 30 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक पूजा का मुहूर्त है.
रवि प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत का महत्व दिन के अनुसार होता है. रवि प्रदोष व्रत आरोग्य और सौभाग्य में वृद्धि करने वाला माना जाता है. स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए रवि प्रदोष का व्रत फलदायी माना जाता है. माना जाता है कि इस व्रत के दिन रुद्राभिषेक करने से शनि, राहु, केतु जैसे ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)