नई दिल्ली: इजराइल और हमास 7 वें दिन भी युद्धविराम को सहमत हो गए. लेकिन इस बीच यरुशलम में एक आतंकी हमला हुआ है. दो आतंकवादियों ने यरुशलम में प्रवेश करने के रास्ते में अंधाधुंध फायरिंग की. इस फ़ायरिंग में 3 इजरालियों की मौत हो गई और 6 गंभीर रुप से घायल हुए. दोनों आतंकवादियों को भी मार गिराया गया. हमास ने इस हमले की जfम्मेदारी ली है. इस हमले के बाद इज़राइल के पीएम ने बयान जारी कर कहा आतंकवादियों को मार गिराने के लिए सुरक्षाकर्मियों की तारीफ़ की और कहा कि हमास के आतंकवादी चाहे यरुशलम में हों, गाजा में हों, जुडेई में हों, समारिया में हों या फिर कहीं और हों, सभी मारे जाएंगे.
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7वें दिन भी युद्धविराम जारी
गौरतलब है कि इजराइल की सेना वेस्ट बैंक में भी लगातार सैन्य छापेमारी कर रही है. फिलस्तीनी ऑथोरिटी की तरफ से कहा गया है कि 7 अक्टूबर के बाद से ढ़ाई सौ से अधिक फिलिस्तीनी इजराइल की रेड में मारे गए हैं. इजराइल का कहना है कि सैन्य छापेमारी उनके हमास के सदस्यों के खिलाफ की जा रही है. इस सब के बीच इजराइल और हमास के बीच 7वें दिन भी युद्धविराम जारी रहा. शर्तें वही लागू हैं जिन पर पहले चार दिनों के युद्धविराम के लिए सहमति बनी थी. छठे दिन हमास ने 10 इजराइली और 4 थाईलैंड के बंधकों को छोड़ा. दो रूसी इजराइली महिला बंधकों को भी छोड़ा गया है.
युद्धविराम अधिक लंबा चलने वाला नहीं!
इजराइल ने भी 30 और फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया. हमास की तरफ से दावा किया गया कि 10 महीने की कफिर बीबाज, उसके 4 साल के भाई और उनकी मां की इज़राइल की बमबारी में मौत हुई. हमास ने ये भी कहा कि इनके शवों को लेने से इजराइल ने इंकार कर दिया. तमाम तनावों के बीच भी युद्धविराम सातवें दिन जारी रहा. बंधकों और कैदियों की अदला बदली को लेकर बातचीत लगातार चल रही है. इस बीच गाजा पट्टी में राहत सामग्री भी पहुंचाई जा रही है, जो कि गाजा वासियों के जीवन के लिए जरुरी है. हालांकि, युद्धविराम अधिक लंबा चलने वाला नहीं है. ये सभी जानते हैं. इज़राइल के पीएम ने एक बार फिर साफ़ किया है कि इज़राइल की सेना पूरी ताक़त के साथ हमले करेगी. उत्तरी के बाद दक्षिणी गाजा में भी इजराइल जमीनी सैन्य अभियान चला कर हमास को ख़त्म करने की बात कर चुका है.
युद्ध के कारण दाने-दाने को मोहताज हुए लोग
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन एक बार फिर इजराइल के दौरे पर पहुंचे हैं. इजराइल की वार कैबिनेट से उनकी मुलाकात हुई है. इसमें पीएम नेतन्याहू ने बंधकों की रिहाई में अमेरिकी मदद के लिए अमेरिका की सराहना की. अमेरिका की भी कोशिश है कि मौजूदा युद्धविराम और चले और हमास अपने कब्जे से सभी अमेरिकी बंधकों को भी रिहा करे. बंधकों और कैदियों की अदला बदली के दौरान हमास ने अब तक दो अमेरिकी बंधकों को ही रिहा किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति कह चुके हैं कि अमेरिकी बंधकों की हालत के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं है. एक बार मौजूदा युद्धविराम ख़त्म हो जाने के बाद फिर किस तरह से बंधकों की रिहाई होगी, हो पाएगी भी या नहीं इस पर सवाल है. युद्धविराम के पूर्ण युद्धविराम में बदलने की कोई सूरतेहाल फिलहाल नज़र नहीं आ रही. इसके ख़त्म होने का सबसे अधिक ख़ामियाज़ा ग़ाज़ा के लोगों को भुगतना पड़ेगा जिन्हें इस युद्ध ने दाने दाने को मोहताज़ कर दिया है.
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