सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होने वाले हैं. 500 वर्ष के लंबे संघर्ष पर 22 जनवरी को विराम लगने वाला है. जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यजमान की भूमिका में मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. वैसे तो रामलला की सेवा आराधना कई वर्षों से रामानंदी परंपरा के मुताबिक चल रहा है. लेकिन जब रामलला भव्य महल में विराजमान होंगे तो उनकी पूजा पद्धति में भी बदलाव होगा. यानी कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला की पूजा आराधना के लिए एक नूतन पोथी का भी निर्माण करेगा. उस पोथी के मुताबिक रामलला की पूजा आराधना की जाएगी.
राम लला का प्रतिदिन पांच आरती की जाएगी. उनकी राजभोग की जाएगी. इसके साथ ही 20 नए अर्चक की नियुक्ति भी होगी. अब 20 नए अर्चक रामलला की सेवा कितने दिनों तक करेंगे इस पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोई भी पदाधिकारी कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं. हालांकि माना जा रहा है कि जब राम लला अपने भव्य महल में विराजमान होंगे तो उनके राज भोग में भी बदलाव के साथ-साथ पुजारी और सेवादारों की संख्या भी बढ़ती जाएगी. क्योंकि 500 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे तो लाखों की संख्या में श्रद्धालु भी धर्म नगरी अयोध्या पहुंचेंगे.
प्राण प्रतिष्ठा के साथ बदल जाएगी पूजा पद्धति
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने बताया कि भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद जो पूजा पद्धति होगी उसके लिए राम मंदिर ट्रस्ट एक नूतन पोथी की रचना कर रहा है. यह पोथी सारे शास्त्रों को मिला करके बना रही है. वेद का पक्ष है, आगम का पक्ष और रामानंदी परंपरा का पक्ष यह सब मिलकर एक पोथी की रचना तैयार कर ली गई है. इसके अलावा मंदिर में रामलला विराजमान होने के बाद प्रमुख पर्व और त्योहार पर मंदिर में उत्सव कैसे होगा इसकी भी रचना तैयार की जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : November 25, 2023, 20:38 IST