28 साल की सर्विस में गृह मंत्रालय ने इस अफसर को 20 बार किया सम्मानित

मोहन ढाकले/बुरहानपुर. आज की आधुनिक जीवनशैली में अंग्रेजी भाषा हर शख्स के लिए स्टेटस सिंबल बन चुकी है. हर सक्षम मां-बाप अपने बच्चे को शुरू से ही इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाना चाहता है. आज अंग्रेजी भाषा सफलता की कुंजी बन चुकी है. लेकिन इस माहौल में बुरहानपुर के एक अफसर ने हिंदी का झंडा बुलंद कर दिया है. यही नहीं इस अफसर को गृह मंत्रालय अब तक 20 बार सम्मानित कर चुका है.

बुरहानपुर रेलवे स्टेशन के कार्यालय अधीक्षक पुष्पेंद्र कापड़े अक्सर शुद्ध हिंदी में पत्राचार को लेकर चर्चा में रहते हैं. इस अफसर को गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार की ओर से 28 साल की सर्विस में 20 बार प्रमाणपत्र और नकद राशि देकर सम्मानित किया जा चुका है. कापड़े अपने ऑफिस में भी शुद्ध हिंदी में लिखी हुई सूचनाओं के बोर्ड और अन्य वस्तुएं लगाना पसंद करते हैं. इनके द्वारा शुद्ध हिंदी में ही अफसरों से पत्राचार किया जाता है. गृह मंत्रालय एवं केंद्र सरकार द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में भी यह हर वर्ष भाग लेते हैं.

28 साल की सर्विस में 20 बार सम्मान
पुष्पेंद्र कापड़े ने बताया, मैं हिंदी भाषा को बहुत पसंद करता हूं. मेरे द्वारा शुद्ध हिंदी में ही अफसरों के साथ पत्राचार किए जाते हैं. विभागीय कार्य भी में शुद्ध हिंदी का इस्तेमाल करता हूं. ऐसे में गृह मंत्रालय एवं केंद्र सरकार की ओर से भी शुद्ध हिंदी का इस्तेमाल करने वाले अफसरों की एक प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, जिसमें वह 28 साल की सर्विस में 20 बार प्रमाणपत्र और नकद राशि से दिल्ली और मुंबई में सम्मानित किए जा चुके हैं. अन्य लोगों को भी हिंदी के लिए ही प्रेरित करता हूं. हिंदी हमारी मातृभाषा है इसलिए मैं उसका सम्मान करता हूं.

इन शब्दों का हिंदी में करते हैं इस्तेमाल
कापड़े का कहना है कि विभागीय कार्य में नाइट ड्यूटी अलाउंस अंग्रेजी शब्द है, इसके स्थान पर में रात्रि पाली भत्ता लिखता हूं. ट्रैवलिंग एलाउंस की जगह यात्रा भत्ता लिखता हूं. ऑपरेटिंग विभाग की जगह परिचालन विभाग लिखता हूं. कमर्शियल विभाग की जगह वाणिज्य विभाग लिखता हूं. इसके लिए मुझे विभाग सम्मानित करता है.

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FIRST PUBLISHED : November 24, 2023, 19:47 IST

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