दिमाग की एकाग्रता बढ़ाए कॉफी, शरीर में करे एनर्जी का संचार, आखिर पूरी दुनिया क्यों है इसकी दीवानी, पढ़ें रोचक इतिहास

हाइलाइट्स

कॉफी एक ऐसा पेय पदार्थ है, जिसकी दुनिया में डिमांड इसकी प्रोडक्शन से ज्यादा है.
कॉफी एक फ्रूट है, जिसे पेड़ से तोड़कर सुखाने के बाद पीसकर तैयार किया जाता है.
कॉफी डिप्रेशन के खतरे को भी कम करने में मदद करती है.

Coffee Benefits, History and Facts: ड्रिंक के रूप में कॉफी (Coffee) एक जादू है. झनझनाहट है और तन-मन में ऊर्जा पैदा करने वाली ‘लाइट सुनामी’ है. इसमें कुछ ‘ऐसा’ जरूर है कि पूरी दुनिया में पानी के बाद सबसे अधिक पी जाने वाली ड्रिंक यही है. असल में कॉफी का सेवन दिमाग में एकाग्रता (Concentration) का संचार करता है. इसका सेवन दिल-दिमाग में एनर्जी भी भर देता है. ऐसा भी माना जाता है कि कॉफी पीने से हार्ट और लिवर दुरुस्त रहता है.

हॉट और कोल्ड कॉफी, दोनों हैं शानदार

कॉफी एक ऐसा पेय पदार्थ है, जिसकी दुनिया में डिमांड इसकी प्रोडक्शन से ज्यादा है. इसे एकदम ठंडा (Chilled) और खूब गर्म (Hot) करके भी पिया जा सकता है. यह एक ऐसा ‘फ्रूट’ पाउडर है, जिसे किसी भी स्वीट, आइसक्रीम, केक, पुडिंग में डालें तो ऐसा स्वाद बनेगा जो जीभ को सुकून देगा और दिमाग को ‘चमत्कृत’ कर देगा. इसमें बहुत कम बदलाव कर ऐसी हॉट कॉफी भी बनाई जा सकती है, जिसे लगातार पीने का मन करे. इनमें सामान्य एस्प्रेसो (Espresso) कॉफी के अलावा इटैलियन एस्प्रेसो (Itelian espresso), लात्ते (Latte), कैपेचीनो (Cappuccino), अमेरिकैनो (Americano), आइरिश (Irish), टर्किश (Turkish) आदि शामिल हैं. दक्षिण भारत में तो स्टील मे छोटे गिलास व कटोरी में पी जाने वाली कॉफी का अलग ही मजा है. कॉफी के कुछ खास गुणों से आपको परिचित करवाते हैं.

काफी में मौजूद खास गुण और फायदे

1. कॉफी की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह मस्तिष्क में एकाग्रता पैदा कर देती है, तभी तो दिमागी काम करने वाले लोगों में यह खूब पी जाती है. फूड एक्सपर्ट व होमशेफ सिम्मी बब्बर के अनुसार, कॉफी को लेकर बेहिसाब रिसर्च्स हुई हैं, जो बताती हैं कि यह अल्जाइमर रोग और पार्किंसंस रोग सहित कुछ न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों (नर्वस सिस्टम में गड़बड़) से बचाने में मदद कर सकती है. यह दिमाग को डिप्रेशन के खतरे को भी कम करने में मदद करती है. ऐसा भी माना जाता है कि कॉफी पीने वाले व्यक्ति में जीने की इच्छा बलवती हो जाती है.

2. असल में कॉफी में मौजूद कैफीन ही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है. तभी तो इसका सेवन करते ही तन-मन में एनर्जी हिलोरे मारने लगती है. उसका लाभ यह होता है कि शारीरिक व मानसिक गतिविधियां बेहतर हो जाती हैं. आप कोई भी कार्य करेंगे (मानसिक व शारीरिक दोनों) उनमें लगन बढ़ जाएगी. ऐसा महसूस होगा कि तन-मन को थकान से लड़ने की एनर्जी तुरंत प्राप्त हो गई. रिसर्च यह भी बताती है कि खेल से जुड़े लोग, जब कॉफी का सेवन करते हैं तो उनमें आम लोगों से अधिक एनर्जी पैदा हो जाती हे. आप हैरान होंगे, लेकिन यह भी माना जाता है कॉफी का सेवन करने से टाइप-2 डायबिटीज के विकसित होने का खतरा कम हो जाता है. कॉफी को एंटिऑक्सीडेंट से भरपूर माना जाता है, जो हमें जवां बने रहने का अहसास कराता है.

coffee benefits history and facts

कॉफी को एंटिऑक्सीडेंट से भरपूर माना जाता है, जो जवां बने रहने का अहसास कराता है. Image: Canva

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3. अगर कॉफी का नियमित सेवन किया जाए तो यह वजन का उचित प्रबंधन भी कर सकती है. असल में कॉफी का सेवन शरीर में वसा (Fat) बनने से भी रोकता है, जिससे वजन बढ़ने में रुकावट पैदा होती है. कॉफी का सेवन करने वाले लोगों में एर्गोजेनिक (अधिक कार्य करने की प्रवृत्ति) का संचार होने लगता है, जो शरीर को फिट रखने में सहायक है. यह दिमाग और बॉडी में सहनशक्ति को भी बढ़ाने में सहायक है. ऐसा भी माना जाता है कि कॉफी का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म यानी भोजन से ऊर्जा बनने की क्रिया में सुधार होता है. यही एनर्जी हमें ज्यादा कार्य करने के लिए प्रेरित करती है.

4. कॉफी को हार्ट और लिवर के लिए भी लाभकारी माना जाता है. दरअसल, कॉफी में मौजूद कैफीन ब्लडप्रेशर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है. दूसरे, यह फैट को भी रोकती है. इसका सीधा लाभ हार्ट के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है यानी हार्ट की फंक्शनिंग स्मूद बनी रहती है. रिसर्च यह भी बताते हैं कि कॉफी लिवर के लिए भी बेहद गुणकारी है. यह क्रोनिक लीवर रोग के खतरे को कम कर देती है. कॉफी के सेवन से पैदा हुई गर्मी को लिवर के लिए बेहतर माना जाता है. अगर हार्ट और लिवर ठीक रहेगा और वजन में कंट्रोल भी रहेगा तो उम्र बढ़ने की संभावना में भी इजाफा हो जाता है, इसलिए कॉफी का सेवन करते रहिए.

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चमत्कारों से भरपूर है कॉफी का इतिहास

यह जान लें कि कॉफी एक फ्रूट है, जिसे पेड़ से तोड़कर सुखाने के बाद पीसकर तैयार किया जाता है. कॉफी के इतिहास पर रिसर्च करने वाली अमेरिकी-भारतीय वनस्पति विज्ञानी प्रोफेसर सुषमा नैथानी के अनुसार, 9वीं शताब्दी में इथियोपिया निवासियों ने कॉफी के स्फूर्तिदायक गुणों को सबसे पहले पहचाना. कहा जाता है कि वहां के एक पहाड़ी गांव के एक चरवाहे ने अपनी बकरियों को एक झाड़ी के ‘बेर’ खाने के बाद उन्मत्त होकर उछलते-कूदते देखा. हैरान-परेशान चरवाहे ने उत्सुकतावश कुछ बेर अपने मुंह में डाले तो उसे ताजगी महसूस हुई और पूरे दिन की थकान मिटती लगी. यह कॉफी की शुरुआत का युग था. इसके बाद 17वीं सदी में ही यूरोप के लोगों का कॉफी से परिचय हुआ. बताते हैं कि 1600 ईस्वी के आसपास सूफी हजयात्री बाबा बुदान पहली बार अरब से कॉफी के सात बीज लेकर भारत आए और उन्होंने दक्षिण भारत के मैसूर में कॉफी को पहली बार उगाया. इसके बाद डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने जावा, सुमात्रा, बाली, श्रीलंका, सूरीनाम में कॉफी के बागान शुरू किए. आज पूरी दुनिया में कच्चे तेल के बाद सबसे अधिक कॉफी का बिजनेस होता है. सबसे ज्यादा कॉफी लातिन अमेरिका, अफ्रीका व एशिया में पैदा होती है. ब्राजील व कोलंबिया कॉफी उत्पादन में अग्रणी हैं. विशेष बात यह है कि भारतीय कॉफी दुनिया बेहतर गुणवत्ता वाली मानी जाती है.

Tags: Coffee, Food, Health, Lifestyle

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