शशिकांत ओझा/पलामू. गजल और सूफी गीत में विश्व प्रसिद्ध युवा संगीतकार कुमार सत्यम पलामू पहुंचे हैं. पहली बार पलामू पहुंचते ही उन्होंने गजल गाई. कहा कि पलामू में वह पहली बार आए हैं और अच्छा लग रहा है, क्योंकि एक ऐसे शख्स की स्मृति में वह आए हैं जो पलामू के लिए धरोहर हैं. यहां के लोग बेहद प्यार करते हैं. आसपास के जिले गढ़वा में वह पहले आ चुके हैं, लेकिन पलामू पहली बार पहुंचे हैं.
सत्यम ने बताया कि पलामू में भी कलाकार को हर संभव मदद करेंगे. यहां के कलाकारों में भी बेहद पोटेंशियल है. अगर कलाकार हमसे जिस रूप में मदद मांगेंगे, हर संभव उनकी मदद करने का प्रयास करेंगे. कहा कि कलाकार कभी बुरे वक्त में अपना रियाज न छोड़ें, क्योंकि लोग सबसे पहले रियाज ही छोड़ते हैं, इसलिए मेहनत करते रहिए सफलता अवश्य मिलेगी.
संगीत से पहले क्रिकेट के रह चुके प्लेयर
बताया कि एक उम्र में उन्हे क्रिकेट का जुनून था. क्रिकेट के जिला स्तर के प्लेयर रह चुके हैं, लेकिन फैमिली का सपोर्ट नहीं मिला. बताया, वह खानदानी संगीतकार हैं. उनके पिता, दादा, परदादा 13 पीढ़ियों से संगीत की दुनिया में रहे हैं, इसलिए क्रिकेट को छोड़ संगीत की दुनिया में आना पड़ा. कहा की उनके पिता गुणी संगीतकार थे. बचपन से ही मेरे खिलौने में हारमोनियम, तबला और गिटार रहा है. वहीं, क्रिकेट के लिए फैमिली का सपोर्ट नहीं मिला. उन्हें मैथिली बेहद पसंद है. इस भाषा में कई गाने खाली समय में गाते हैं.
बिहार के रहने वाले हैं कुमार सत्यम
बताया कि उनकी जन्मभूमि बिहार के बांका जिला के मंदार हिल में है. वहीं उनका गांव व नानिकाल भी है. लेकिन, शिक्षा झारखंड के दुमका में हुई है. बिहार उनके लिए देवकी है और झारखंड यशोदा मां की तरह है. वर्तमान में वह मुंबई में रहकर संगीत की दुनिया में जलवा बिखेर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 22, 2023, 09:04 IST