China Australia: आखिर क्या चल रहा है ड्रैगन के मन में? ऑस्ट्रेलियाई नेवल शिप पर छोड़ दी सोनार

Australian and Chinese Navies Clash: ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज इन दिनों चीन की यात्रा पर हैं. उन्होंने आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. ऐसा करने वाले वे पिछले 9 वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के पहले पीएम बन गए हैं. वहीं दोनों देशों के युद्धपोतों के बीच जापान सागर में टकराव की घटना भी सामने आई है. चीन की ओर से सोनार किरणों का इस्तेमाल किए जाने से ऑस्ट्रेलिया के कई नेवी जवान घायल हो गए हैं, जिस पर ऑस्ट्रेलिया की ओर से कड़ा विरोध जताया गया है. 

क्यों उलझ पड़े दोनों देश?

ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि उसके नेवल शिप HMAS Toowoomba में मछली पकड़े के जाल उलझ गए थे. उन जाल को हटाने के लिए नौसैनिक गोताखोर पानी में डाइव कर रहे थे. तभी चीनी (Chinese Navies) डेस्ट्रॉयर नेवल शिप निंगबो ने उन पर सोनार किरणें फेंकी, जिससे नेवी के जवान घायल हो गए. मीडिया ने जवान को लगी चोटों की डिटेल साझा नहीं की है लेकिन मीडिया का कहना है कि गोताखोरों के कान घायल हो गए हैं.

ऑस्ट्रेलिया के कई सैनिक घायल

ऑस्ट्रेलिया सरकार का दावा है कि किया कि नेवल शिप HMAS Toowoomba की ओर से चीनी नौसेना (Chinese Navies) को सूचित किया गया था कि वहां पर गोताखोरी अभियान चल रहा है. चीनी जहाजों को दूर जाने के लिए कहा गया लेकिन इसके बावजूद चीनी जहाज की ओर से समुद्र में पानी का स्कैन करने के लिए सोनार उपकरण का इस्तेमाल कर दिया गया, जिससे नेवी के कई जवानों की जान जोखिम में पड़ गई और उन्हें समुद्र से बाहर निकाला गया. 

जापानी जल क्षेत्र में हुई घटना

वहीं दूसरी ओर चीनी मीडिया ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार के दावे पर सवाल उठाया है कि उसका जहाज टुवूम्बा (Australian Naval Ship) जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर अंतरराष्ट्रीय जल में था, जब उसका सामना निंगबो से हुआ. चीन के एक सैन्य सैन्य विशेषज्ञ ने धमकी देते हुए कहा कि अगर ऑस्ट्रेलियाई जहाज टुवूम्बा चीनी द्वीपों या चीनी सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास के पास होता यह घटना चीन की संप्रुभता के लिए चुनौती होती और इससे मामला बिगड़ सकता था. 

घातक होती हैं सोनार किरणें?

एक्सपर्टों के मुताबिक सोनार किरणें पानी में छिपी वस्तुओं को स्कैन करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. इससे निकली तेज तरंगे पानी में गोताखोरी कर रहे लोगों के कोमल ऊतकों को गंभीर नुकसान पहुंचाता है. ऑस्ट्रेलिया से पहले कई अन्य पश्चिमी देश भी चीनी सेना (Chinese Navies) की खतरनाक कार्रवाइयों की शिकायत कर चुके हैं.  

ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने शनिवार को कहा कि उन्होंने विध्वंसक जहाज के असुरक्षित और गैर-पेशेवर व्यवहार के बारे में बीजिंग के सामने अपनी चिंताएं जताई हैं. वहीं ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज ने सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत नेताओं के शिखर सम्मेलन के मौके पर शी से बात की. अल्बनीज ने सोमवार को कहा कि शी के साथ उनकी चर्चा औपचारिक द्विपक्षीय बैठक के बजाय निजी थी. 

यह काफी खतरनाक था- ऑस्ट्रेलियाई पीएम

अल्बनीज ने अपने संसद भवन कार्यालय में मीडिया को बताया, ‘मैं किसी भी विश्व नेता के साथ होने वाली व्यक्तिगत बैठकों, चर्चाओं के बारे में बात नहीं करता.’ अल्बनीज ने कहा, ‘यह कुछ ऐसा है जो एक अफसोसजनक घटना है. यही कारण है कि हमने हमारे लिए उपलब्ध सभी मंचों पर सभी उचित संपर्कों के माध्यम से बहुत स्पष्ट रूप से सीधे तौर पर चीन के सामने अपनी कड़ी आपत्तियां रखी हैं. अल्बनीज़ ने कहा, ‘यह खतरनाक था, चीनी बलों का यह रवैया असुरक्षित और गैर-पेशेवर था.’ उन्होंने कहा कि यह घटना चीन के साथ ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को नुकसान पहुंचाती है, जिसमें हाल के महीनों में स्पष्ट सुधार देखा गया है. ’

अल्बनीज पर बरसा विपक्ष

उधर ऑस्ट्रेलिया के विपक्षी सांसदों ने अल्बनीज पर शी जिनपिंग के साथ बैठक में मुठभेड़ (Chinese Navies) का मुद्दा उठाने में विफल रहने का आरोप लगाया है. विपक्षी नेताओं ने कहा कि एंथनी अल्बनीज द्विपक्षीय संबंधों में सुधार को खतरे में नहीं डालना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इस मुद्दे को उठाने से परहेज कर लिया. 

चीन यात्रा पर हैं ऑस्ट्रेलियाई पीएम

बता दें कि यह घटना (Australian and Chinese Navies Clash) उस वक्त हुई है, जब ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज पिछले 9 वर्षों में चीन जाने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं. अपनी यात्रा में अल्बनीज ने सोमवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों ने रक्षा जैसे मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद एक-दूसरे के साथ जुड़ने के महत्व पर जोर दिया.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *