उत्तराखंड सुरंग हादसा: मजदूरों को बचाने के लिए एक साथ 5 योजनाओं पर चल रहा काम

हाइलाइट्स

उत्तरकाशी सुरंग हादसे फंसे मजदूरों को बचाने के लिए 5 योजनाओं पर एक साथ काम.
सुरंग के ऊपर से नीचे की ओर ड्रिलिंग करने की तैयारी.
अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स मदद के लिए भारत आ रहे हैं.

उत्तरकाशी. उत्तरकाशी में हुए सुरंग हादसे (Uttarkashi Tunnel Collapse) के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अधिकारियों और मौके पर मौजूद विशेषज्ञों की एक टीम ने अंदर फंसे 41 लोगों को बचाने के लिए एक के बजाय पांच योजनाओं पर एक साथ काम करने का फैसला किया है. उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने का अभियान अब 8वें दिन में प्रवेश कर गया है. अधिकारियों के मुताबिक अगर सीधे ड्रिल करने की विधि कारगर नहीं होती है तो अधिकारी सुरंग के ऊपर से नीचे की ओर ड्रिलिंग करने की तैयारी कर रहे हैं. बचाव दल के अधिकारियों को भी उम्मीद है कि सीमा सड़क संगठन (BRO) सिल्क्यारा सुरंग के लिए एक नई सड़क का निर्माण पूरा कर लेगा. इससे फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने का एक और रास्ता मिल जाएगा.

अधिकारियों को उम्मीद है कि शुक्रवार से रुका हुआ बचाव अभियान आज एक बार फिर से शुरू किया जा सकेगा. शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स से बचाव अभियान में मदद के लिए संपर्क किया गया था. उन्होंने कहा कि वह वर्तमान में ऑनसाइट टीम की मदद के लिए भारत जा रहे हैं. फिलहाल सुरंग में ड्रिलिंग का काम शनिवार को फिर से शुरू हो गया. इसके बावजूद अधिकारियों का मानना है कि फंसे हुए मजदूरों तक जल्द से जल्द पहुंचने के लिए केवल एक योजना पर काम करने के बजाय उन्हें पांच योजनाओं पर एक ही समय में काम करना चाहिए.

इस बीच फंसे हुए मजदूरों के सहकर्मियों ने सुरंग ढहने के लिए निर्माण कंपनी को दोषी ठहराते हुए बचाव अभियान में देरी का विरोध किया. बचाव की रणनीतियों में सिल्क्यारा और बरकोट दोनों छोर पर एक तरफ से दूसरी तरफ ड्रिलिंग करना, सुरंग के ऊपर से सीधे नीचे की ओर ड्रिलिंग करना और एक समकोण पर ड्रिलिंग करना शामिल है. पीएमओ के अधिकारियों ने भरोसा दिया कि बचाव अभियान के संबंध में उनके पास किसी भी ‘संसाधन, विकल्प और विचारों’ की कमी नहीं है और उन्हें विदेशी सलाहकारों से भी मदद मिल रही है.

Uttarkashi Tunnel Collapse: 40 जिंदगियों को बचाने की राह में फिर मुसीबत, सुरंग में 24 मीटर के बाद बोरिंग का काम रुका, यह है वजह

उत्तराखंड सुरंग हादसा: बचाव दल 5 योजनाओं पर कर रहा काम, 41 मजदूरों को बचाने के लिए पहुंच रहे इंटरनेशनल एक्सपर्ट

सुरंग में ऊपर से सीधे नीचे की ओर ड्रिलिंग के लिए एक जगह की पहचान की गई है. वहां से सुरंग तक पहुंचने के लिए एक छेद किया जाएगा और इसकी गहराई लगभग 300-350 फीट होगी. शनिवार को इंदौर से एक शक्तिशाली ड्रिलिंग मशीन चार धाम मार्ग पर ढही सुरंग वाली जगह पर पहुंचाई गई. शनिवार को केंद्र सरकार ने फंसे हुए मजदूरों के लिए पांच बचाव विकल्पों पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की. गौरतलब है कि 12 नवंबर को सुबह 5.30 बजे सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद से एक हफ्ते से अधिक समय हो गया है.

Tags: Rescue operation, Rescue Team, Uttarkashi Latest News, Uttarkashi News

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *