रामकुमार नायक, रायपुरः बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल के तरह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में छठ पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. छठ पूजा महापर्व के तहत शुक्रवार से नहाय खाय और खरना व्रत का विधान श्रद्धालुओं समेत छठ व्रतियों ने संपन्न किया. इसके साथ ही नदी और तालाबों के घाट में पूजा वेदी तैयार करने में व्यस्त रहे. खरना विधान यानी कि घी लगी रोटी और खीर का भोग लगाने के बाद व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ किया. आज रविवार को डूबते हुए सूर्य और सोमवार को उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देकर छठ मइया की पूजा करेंगे.
इस व्रत पूजा को लेकर व्रतियों में खासा उत्साह हमेशा रहता है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के खारुन की तट पर चार दिवसीय पर्व के आखिरी दो दिन नदी तट पर हजारों लोग भक्तिभाव में सराबोर रहते हैं. आस्था, विश्वास की ऐसी लहर बहती है कि पूरी रात जागरण में पारंपरिक छठ लोक गीतों की सुर लहरियां गूंजती हैं. अस्त होते सूर्य और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान आतिशबाजी का नजारा देखने लायक होता है. महाभंडारे में ठेकुआ प्रसाद और भोजन ग्रहण करने के लिए 10 हजार से अधिक श्रद्धालु उपस्थित रहते हैं.
15 साल में सबसे बड़ा आयोजन
छठ महापर्व आयोजन समिति से मिली जानकारी के अनुसार, रायपुर में पहले छठ पर्व मनाने के लिए ज्यादातर लोग अपने मूल गांव में लौट जाते थे, जो लोग किसी कारणवश अपने गांव नहीं जा पाते थे. वे अपने घर के आसपास के तालाबों में ही अर्घ्य देते थे. समय बीतने के साथ सैकड़ों परिवार स्थायी रूप से यहीं बस गए. उन परिवारों के सदस्यों ने 20 साल पहले महादेवघाट पर छोटे रूप में छठ पर्व मनाने की शुरुआत की धीरे-धीरे समाज के लोग संगठित होते गए. अब, 15 साल में सबसे बड़ा आयोजन रायपुर के महादेवघाट पर होने लगा है. पूरी रात सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : November 19, 2023, 19:21 IST