विकाश पाण्डेय/सतना: इस बार का छठ पर्व 17 नवंबर से शुरू हो चुका है. आज शाम खरना के साथ ही छठ व्रत की शुरुआत होगी, जो लगभग 36 घंटे बाद उषा अर्घ्य यानी सूर्य उदय के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देकर पारण होगा. यह व्रत संतान प्राप्ति, संतान की रक्षा और घर – परिवार की समृद्धि के लिए रखा जाता है. यह व्रत बहुत्य ही दुर्लभ और कठिन होता है. व्रत रखने वाली महिलाएं 36 घंटे निर्जला व्रत रहती हैं.
छठ के इस पावन त्यौहार में माता छठी को प्रसन्न करने और संतान की दीर्घायु और रक्षा के लिए इन ख़ास उपायों को अवश्य करें. इससे आप के संतान को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
1. सूर्य उपासना से संबंधित उपाय
छठ पर्व के दिन भगवान सूर्य की उपासना की जाती है अतः प्रातःकाल उठ कर स्नान के पश्चात एक लकड़ी के पटे में सफेद वस्त्र बिछा भगवान सूर्य को आसन दें और सूर्येदय के साथ ही तांबे के लोटे से भगवान को अर्घ्य दें और धूप, दीप, अक्षत, पीले वस्त्र उन्हें अर्पित करें और गुड़ से बनी वस्तुओं का भोग लगाएं. सूर्य देवता के नाम की माला करें.
2. तांबे के टुकड़े को जल में करें प्रवाहित
सूर्य को अर्घ्य देने के बाद बहते हुए जल में ताबें का एक चौकोर टुकड़ा जल में प्रवाहित कर दें. इससे संतान के ऊपर पड़ने वाले अशुभ प्रभाव को रोका जा सकता है.
3. गेहूं और गुड़ का करें दान
छठ पूजा के दौरान किसी भी दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद एक कपड़े में गेहूं और गुड़ बांध ले इसे भगवान सूर्य और माता छठी के नाम अर्पित कर किसी को दान दें. इससे संतान की आयु में वृद्धि होगी.
4. गुड़ और कच्चे चावल का उपाय
नकारात्मक उर्जा से संतान को बचाने के लिए बहते हुए जल में गुड़ और कच्चे चावल को प्रवाहित कर दें. इससे जलीय जीव का पेट भरेगा और आपकी संतान को आयु वृद्धि के साथ ही सुख समृद्धि प्राप्त होगी.
5. ठेकुआ का प्रसाद करें दान
माता छठी के पूजन में चढ़ाया गया ठेकुआ गरीबों में दान करें. इससे सूर्यदोष से मुक्ति मिलती है और आप पर सदैव सूर्यदेव की कृपा बनी रहती है.
(नोट -सम्पूर्ण जानकारी पौराणिक कथाओं मान्यताओं पर आधारित है किसी तरह की तथ्यात्मक चूक की जिम्मेदारी लोकल 18 की नहीं होगी)
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FIRST PUBLISHED : November 18, 2023, 15:56 IST