
दीपावली पर्व पर लक्ष्मी पूजा के लिए लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों की खरीदारी करती महिलाएं।
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दिवाली महापर्व के दूसरे दिन शनिवार को नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर शरीर पर तेल या उबटन लगाकर मालिश करने के बाद स्नान करना चाहिए। विधि-विधान से मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करनी चाहिए। इस दिन शाम को दीपदान किया जाता है।
वाराणसी से प्रकाशित हृषीकेश पंचांग के अनुसार, इस दिन त्रयोदशी तिथि का मान दिन में एक बजकर 14 मिनट तक, पश्चात कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी और चित्रा नक्षत्र संपूर्ण दिन और रात को दो बजकर छह मिनट तक है। अनन्तर स्वाती नक्षत्र और काण नामक औदायिक योग भी है।
ऐसे करें दीपदान: पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनसार, छोटी दिवाली के दिन घर के सबसे बड़े सदस्य को यम के नाम का एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद उस दीये को पूरे घर में घुमाना चाहिए। फिर घर के बाहर जाकर उस दीये को कहीं दूर रख देना चाहिए। इस दौरान घर के दूसरे सदस्य घर में ही रहें और इस दीपक को न देखें।
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