इस साल धनतेरस पर काफी शुभ योग, कैसे और कहा जलाए दीपक, जानें शुभ मुहूर्त

शक्ति सिंह/कोटा. दीपावली की शुरुआत कल धन त्रयोदशी से होगी. कल का दिन भगवान धन्वंतरि के जन्मदिवस के उपलक्ष में भी मनाया जाता है. धनतेरस के दिन लक्ष्मी जी की पूजा भी होती है और इस दिन सोने, चांदी स्टील के बर्तन खरीदन शुभ माना गया है. धनतेरस से पंचदिवसीय दीपोत्सव आरम्भ हो जाता है. दिवाली से पहले धनतेरस पर लोग खरीदारी करते हैं ताकि घर में मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर का वास हो सके. इस साल 10 नवंबर को धनतेरस है, इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल धनतेरस पर काफी शुभ योग बन रहे हैं. ऐसे में कुछ राशियों को विशेष लाभ मिल सकता है. ऐसा संयोग करीब 59 साल के बाद बना है. आइए जानते हैं किन शुभ योग में मनाया जाएगा धनतेरस.

एस्ट्रोलॉजर मुकेश जैन ने बताया कि कल धन त्रयोदशी महापर्व है. जो की दिवाली का शुभारंभ माना जाता है और इस दिन भगवान धनवंतरी के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. माता लक्ष्मी जी की पूजा का विधान भी माना जाता है. धन त्रयोदशी के दिन सोने चांदी स्टील के पात्र खरीदना शुभ माना गया है. लेकिन स्टील का कोई भी पत्र घर लेकर आए तो उसे खाली ना लेकर आए उसमे चावल अनाज फल मिठाई कुछ ना कुछ जरूर डाल दें. चांदी का सिक्का भगवान गणेश लक्ष्मी जी की चांदी और सोने की मूर्ति खरीदना शुभ होता है. शुभ मुहूर्त दोपहर 12:11 से 13:34 तक रहेगा. इस बीच ही खरीदारी करें मुहूर्त का बहुत बड़ा विशेष महत्व रहता है. इस दिन इस समय आकाश मंडल से पॉजिटिव रोशनियां पृथ्वी पर आती है. इस समय कोई भी शुभ कार्य हम करते हैं या खरीदारी करते हैं तो वह शुभ माना जाता है.

कल के दिन कहां- कितने दीपक लगाए
कल धन त्रयोदशी के दिन घर में कम से कम पांच दीपक जरूर जलाएं. जिसमें एक दीपक घर के सबसे ऊंचे स्थान पर, दूसरा दीपक घर के मंदिर में, तीसरा दीपक घर के बाहर चौखट पर, चौथा दीपक घर के रसोई में और पांचवा दीपक पानी वाले स्थान पर जलाना चाहिए. कल के दिन दरवाजे के बाहर रंगोली या फिर स्वास्तिक बनाएं कल माता लक्ष्मी भ्रमण पर निकलती हैं माता का घर में आने की संभावना होती है. माता लक्ष्मी, विष्णु जी और कुबेर भगवान धन्वंतरि जी की पूजा भी करते हैं तो वृषभ लग्न जो कि स्थिर लग्न होता है शुक्र का लक्ष्मी जी का लगन होता है. जिसका समय सायंकाल 6:00 बजे से लेकर 7:56 तक रहेगा इस समय पूजा करें. और श्री सुक्तम का पाठ, लक्ष्मी सुक्तम का पाठ अवश्य करें.

Tags: Kota news, Local18, Rajasthan news, Religion

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *