बिहार में होने लगी काली हल्दी की खेती, गुण ऐसे ही जानकर चौंक जाएंगे

बिहार के गया के आशीष एक प्रगतिशील किसान है जो ब्लैक पोटैटो, रेड राइस, ब्लैक राइस, ब्लैक गेहूं की सफल खेती कर चुके हैं. अब वह काली हल्दी की खेती कर रहे हैं. काली हल्दी मजबूत एंटीबायोटिक गुणों के साथ चिकित्सा में जडी़ बूटी के रूप में उपयोग की जाती हैं. इसका प्रयोग घाव, मोच, त्वचा, पाचन तथा लीवर की समस्याओं के निराकरण के लिए किया जाता है.

01

news18

बिहार के गया के किसान इन दिनों खेती में कई सफल प्रयोग कर रहे हैं. इससे कम समय में बेहतर मुनाफा रहा है. बिहार के गया जिले में एक ऐसे ही किसान हैं जो खेती में अलग-अलग प्रयोग कर सफल खेती कर रहें है.

02

news18

गया के टेकारी प्रखंड क्षेत्र के गुलरियाचक गांव के रहने वाले आशीष कुमार सिंह एक प्रगतिशील किसान है, जो ब्लैक पोटैटो, रेड राइस, ब्लैक राइस, ब्लैक गेहूं की सफल खेती कर चूके हैं.अब आशीष ब्लैक हल्दी की खेती पिछले तीन साल से कर रहे हैं और विलुप्त हो रही काली हल्दी की खेती के फायदे और महत्व को किसानों को बता रहे हैं.

03

news18

आशीष जिले के पहले ऐसे किसान हैं, जो काली हल्दी की खेती शुरू की है. पिछले वर्ष इन्होंने एक कट्ठा में काली हल्दी की खेती की थी. इससे करीब एक क्विंटल तक हल्दी का उत्पादन किया था. साथ ही वह अन्य किसानों को इसकी खेती करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रहे हैं.

04

news18

लोकल 18 से बात करते हुए आशीष कुमार सिंह बताते हैं कि कृषि से जुड़ा एक लेख पढ़ने के दौरान पता चला कि 2016 में सरकार के द्वारा काली हल्दी को लुप्तप्राय प्रजाति की फसल में रखा गया है. इसके बाद उन्होंने काली हल्दी की खेती को बचाने के लिए साल 2021 में मध्य प्रदेश से हल्दी मंगवाकर एक कट्ठा में खेती शुरू किया.

05

news18

साथ ही अन्य किसानों को भी इसकी खेती करने के लिए जागरूक किया.इसकी खेती पीली हल्दी की खेती के जैसा ही किया जाता है. मार्केट में 300 रुपये किलो इसकी बिक्री होती है. मध्य प्रदेश के आदिवासी समुदाय के लोग शुभ कार्यों में काली हल्दी का उपयोग करते हैं.

06

news18

यह काली हल्दी औषधीय गुण से भरपूर है. इसका उपयोगदवा बनाने के रूप में बड़े स्तर पर किया जाता है. काली हल्दी पीली हल्दी से कई गुणा गुणकारी है. काली हल्दी मजबूत एंटीबायोटिक गुणों के साथ चिकित्सा में जडी़ बूटी के रूप में उपयोग की जाती हैं.इसका प्रयोग घाव, मोच, त्वचा, पाचन तथा लीवर की समस्याओं के निराकरण के लिए किया जाता है.

अगली गैलरी

अगली गैलरी

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *