नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को केरल (Kerala) में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ दर्ज मामले में आरोपी साहिर केवी के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया. यह मामला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के नेता श्रीनिवासन की टारगेट किलिंग से जुड़ा हुआ है. इस मामले का एक आरोपी साहिर पीएफआई का पट्टांबी क्षेत्र सचिव था और उसे एनआईए की एस्कॉन्डर ट्रैकिंग टीम ने गिरफ्तार कर लिया था. साहिर केवी अब गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूए(पी)ए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत कई आरोपों का सामना कर रहा है.
आरएसएस नेता एसके श्रीनिवासन (45) की हत्या के मामले में 17.03.2023 को, एनआईए ने 59 आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ एक व्यापक आरोप पत्र दायर किया था. दरअसल यहां मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर, उन्हें हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था. इसके साथ ही उन्हें धन जुटाने के माध्यम से विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने के लिए पीएफआई और उसके नेताओं और कैडरों द्वारा आपराधिक साजिश रची गई थी. इसकी जांच के लिए एनआईए द्वारा सितंबर 2022 में मामला दर्ज किया गया था.
2047 तक भारत में इस्लामी शासन स्थापित करना चाहता है PFI
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का अंतिम उद्देश्य है कि वह 2047 तक भारत में इस्लामी शासन स्थापित कर ले. इसके लिए यह प्रतिबंधित संगठन आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उनका इस्तेमाल करता है. इस मामले में शेष 10 फरार आरोपियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास जारी हैं.
RSS नेताओं की हत्या करने का ऐलान किया और फिर…
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) विजय सखारे ने बताया था कि पुलिस ने श्रीनिवासन की हत्या के मामले में षड्यंत्रकारियों, हमले के समन्वयक और आश्रय देने वाले सहित सभी लोगों की पहचान कर ली थी. आतंकी संगठन के सदस्यों ने आरएसएस नेताओं की हत्या का ऐलान किया था. इसके बाद आरएसएस नेता भूमिगत हो गए थे, लेकिन श्रीनिवास को अपने जीवन पर खतरे की आशंका नहीं थी. वे कुछ समय से राजनीति में सक्रिय नहीं थे और इसलिए वे छिपे नहीं थे. आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी; लेकिन अन्य नेता बच गए थे.
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FIRST PUBLISHED : November 7, 2023, 19:53 IST