लुधियाना में की मजदूरी… नहीं चल सका घर, वापस आकर शुरू किया कारोबार

कुंदन कुमार/गया. बाजार में अंडे और चिकन की डिमांड के चलते मुर्गी पालन एक शानदार व्यवसाय के तौर पर सामने आया है. इस व्यवसाय से आप हर महीने में 25-30 हजार रुपये तक की कमाई कर सकते है. इस बिजनेस को शुरू करने में ज्यादा लागत नहीं आती है. कम जगह और कम लागत में ये बिजनेस किसानों को अच्छा मुनाफा देता है. गया जिले में एक ऐसे ही मुर्गी पालक हैं, जिन्होंने साल 2010 में 200 पीस चूजे से इसकी शुरुआत की थी. लेकिन आज उनके पास लगभग 2000 सोनाली प्रजाति के मुर्गी का पालन किया जा रहा है. महीने का लगभग 30 हजार रुपये तक की आमदनी हो जाती है.

गया जिले के गुरुआ प्रखंड क्षेत्र के बारा गांव के रहने वाले किसान राजेश यादव मुर्गी पालन का व्यवसाय करने से पहले लुधियाना में प्लास्टिक कंपनी में काम करते थे, लेकिन वहां उतनी सैलरी नहीं थी. जिस कारण काम छोड़कर 2009 में वापस अपने घर आ गए. इसके बाद इन्होने दोस्तों के सलाह पर छोटे स्तर पर मात्र 200 पीस चूजे से मुर्गी पालन शुरू कर दिया. आज उनके पास छोटे बड़े लगभग 2000 मुर्गी उपलब्ध हैं.150 ऐसे मुर्गी है, जो सिर्फ अंडा देती है और अंडे से भी इन्हें कुछ आय हो जाती है. शुरुआत में आसपास से ही मुर्गी का चूजा मंगवाया करते थे, लेकिन अब कोलकाता से चूजा मंगवाते हैं. जिसकी कीमत लगभग 1700 प्रति पीस आती है.

मजदूरी छोड़कर शुरू किया कारोबार 

बारा गांव में ही इन्होंने मुर्गी फॉर्म बनाया हुआ है. देसी नस्ल की सोनाली प्रजाति का पालन करते हैं. थोक भाव में इस प्रजाति के मुर्गी की बिक्री 280 रुपये प्रति किलो हो जाती है. आसपास और लोकल मार्केट में इस मुर्गी की खूब डिमांड है. आसानी से इसकी बिक्री हो जाती है. लोकल 18 से बात करते हुए राजेश यादव बताते हैं कि मुर्गी पालन के व्यवसाय से पहले लुधियाना में मजदूरी करते थे, लेकिन उससे घर परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा था, तो उस काम को छोड़कर वापस घर आ गये और मुर्गी पालन के व्यवसाय से जुड़ गए. आज के दिन में प्रतिमाह 30 हजार रुपये तक की आमदनी आसानी से हो जाती है.

Tags: Bihar News, Business, Gaya news, Local18

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *