नई दिल्ली:
भारतीय एडटेक स्टार्टअप बायजू के साल के पहले नतीजों से पता चला है कि महामारी के दौर में व्यापार में तेजी के बीच इसकी मूल कंपनी का घाटा मामूली रूप से कम हुआ है. इससे 1.2 अरब डॉलर के लोन को लेकर क्रेडिटर के साथ विवाद में उलझी कंपनी के लिए चुनौतियां बढ़ गई है. बेंगलुरु स्थित ऑनलाइन ट्यूशन फर्म की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड है. एक ईमेल क जरिये जारी किए गए बयान में कहा गया है कि मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में ऑपरेशनल लेवल पर 22.5 अरब रुपये (271 मिलियन डॉलर) का घाटा हुआ, जबकि एक साल पहले 24 अरब रुपये का घाटा हुआ था. वहीं, मार्च 2022 तिमाही में एडटेक फर्म की कुल आय दोगुनी से अधिक 35.7 अरब रुपये हो गई.
कंपनी के तिमाही नतीजे इस बात को दर्शाते हैं कि कैसे बायजू – जो एक समय भारत की उभरती स्टार्टअप अर्थव्यवस्था का पोस्टर चाइल्ड था – कोविड के बाद संघर्ष कर रहा है. 1.2 बिलियन डॉलर के टर्म लोन कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन करने के बाद टर्म लोन ने इस साल बायजू पर मुकदमा दायर किया. इस टकराव से कंपनी के फाउंडर बायजू रवीन्द्रन सुर्खियों में आ गए, जिनकी ट्यूटर से लेकर देश के सबसे मूल्यवान टेक स्टार्टअप के प्रमुख तक की जबरदस्त ग्रोथ ने इन्वेस्टर को मंत्रमुग्ध कर दिया. बायजू ने महामारी के दौरान जब स्कूल और कॉलेज बंद हो गए थे तो अपनी सर्विस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारी खर्च किया.
एक बार भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के स्पॉन्सर के रूप में, इसने अमेरिका और अन्य जगहों पर कई फर्में खरीदीं और वैश्विक स्तर पर विस्तार करने की कोशिश की. लेकिन स्कूल और कॉलेज में क्लासेज फिर से शुरू होने के बाद से ग्रोथ धीमा हो गया है, और महीनों से चल रहे कानूनी विवाद के कारण कंपनी की चुनौतियां बढ़ गई हैं, जो आगे भी बढ़ने का संकेत दे रही हैं.
कंपनी अपने वित्तीय परिणाम जारी करने में देरी के कारण रेगुलेटर के जांच के घेरे में आ गई. इस वजह से इस साल कंपनी के ऑडिटर पद से डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स को इस्तीफा देना पड़ा. अप्रैल में कंपनी के बेंगलुरु ऑफिस पर छापा पड़ा.प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापे के दौरान लैपटॉप और डिजिटल डेटा जब्त किए.इसके साथ ही सार्वजनिक रूप से दुनिया के सबसे मूल्यवान एडटेक स्टार्टअप को विदेशी मुद्रा नियमों के संभावित उल्लंघन से जोड़कर भी देखा गया.
कई अमेरिकी-आधारित निवेशकों ने बायजू पर आधा बिलियन डॉलर छिपाने का आरोप लगाया, जिससे मुकदमे चले. इसके मुख्य निवेशकों में से एक, प्रोसस एनवी ने जून में अपनी हिस्सेदारी का मूल्य घटा दिया, जिससे स्टार्टअप का कुल मूल्यांकन 5.1 बिलियन डॉलर हो गया. पिछले साल की तरह, बायजू ने 22 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर फंडिंग जुटाई है.