जम्मू कश्मीर पुलिस ‘जीपीएस ट्रैकर’ के जरिये आतंक मामले के आरोपी की निगरानी करेगी

जम्मू कश्मीर पुलिस जमानत पर छूटे एक आतंकी पर ‘जीपीएस ट्रैकर’ से नजर रखेगी। इस तरह के उपकरण से निगरानी करने वाला वह देश का पहला पुलिस बल बन गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
‘जीपीएस ट्रैकर’ पैर में पहना जाने वाला उपकरण है जिसे व्यक्ति के टखने पर लगा दिया जाता है और उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जाती है।
इस उपकरण का इस्तेमाल पहले से ही अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में जमानत, परोल और नजरबंदी में रखे गए आरोपी व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखने तथा जेलों में भीड़भाड़ को कम करने के लिए किया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) के अधिकारियों ने जमानत पर छूटे आतंकी की निगरानी के लिए ‘जीपीएस ट्रैकर’ उपकरण पेश किया है।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस इस तरह का उपकरण पेश करने वाला देश का पहला पुलिस विभाग है।
अधिकारियों ने कहा कि इन उपकरणों को विशेष राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत, जम्मू द्वारा एक आदेश पारित करने के बाद पेश किया गया है, जिसमें पुलिस को एक आतंकी पर जीपीएस ट्रैकर लगाने का निर्देश दिया गया था। पुलिस के अभियोजन विभाग ने इसके महत्व पर प्रकाश डाला था।
मामले की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक प्राथमिकी में आरोपी गुलाम मोहम्मद भट ने जमानत के लिए अर्जी दी थी।

जमानत पर सुनवाई लंबित रहने के दौरान आरोपी ने अंतरिम जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी पर विभिन्न आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के इशारे पर आतंक के वित्तपोषण में शामिल होने का मुकदमा चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष की ठोस दलीलों के कारण विशेष एनआईए अदालत, जम्मू ने एक आदेश में जम्मू कश्मीर पुलिस को आरोपी पर जीपीएस ट्रैकर लगाने का निर्देश दिया।

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