Delhi Air Pollution: गोपाल राय की इमरजेंसी मीटिंग, कहा- अगले 15-20 दिन बेहद महत्वपूर्ण

Gopal Rai

ANI

गोपाल राय ने कहा कि कुछ हॉटस्पॉट पर वाहन प्रदूषण का योगदान अधिक है। पूरी दिल्ली में लागू किए गए GRAP-II का विश्लेषण करने के लिए आज अलग-अलग विभागों की बैठक हो रही है। उन्होंने कहा कि हमने यह जानने के लिए अलग-अलग जगहों से रिपोर्ट मांगी है कि स्थानीय प्रदूषण के स्रोत क्या हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में खराब वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि 1 नवंबर से अगले 15-20 दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक के संदर्भ में महत्वपूर्ण होंगे। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज दिल्ली सचिवालय में सभी संबंधित विभागों के साथ समीक्षा बैठक बुलाई थी। वहीं, उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि 1 नवंबर से अगले 15 से 20 दिन अहम हैं। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि तापमान गिर रहा है और हवा की गति कम हो गई है, इसलिए प्रदूषक तत्व निचले स्तर पर हैं। कल AQI करीब 350 था। दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट पर चल रहे काम की वजह से स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है। 

गोपाल राय ने कहा कि कुछ हॉटस्पॉट पर वाहन प्रदूषण का योगदान अधिक है। पूरी दिल्ली में लागू किए गए GRAP-II का विश्लेषण करने के लिए आज अलग-अलग विभागों की बैठक हो रही है। उन्होंने कहा कि हमने यह जानने के लिए अलग-अलग जगहों से रिपोर्ट मांगी है कि स्थानीय प्रदूषण के स्रोत क्या हैं। हमने अनुरोध किया है कि राज्य सरकारें डिपो से ही सीएनजी या बीएस-VI बसें भेजें। सीएक्यूएम द्वारा जारी रिपोर्ट से पता चलता है कि पराली जलाई जा रही है कम तो हुआ है, लेकिन इसका असर दिल्ली के प्रदूषण पर दिख सकता है। उन्होंने साथ ही कहा कि CAQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) के निर्देशानुसार आज से दिल्ली में डीजल बसों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। 

उन्होंने बताया कि 18 टीमों का गठन किया गया है। मेरा राज्य सरकारों से अनुरोध है कि वे अपने डिपो से केवल CNG, इलेक्ट्रिक या BS-VI बसें ही चलाएं ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो। इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार सुबह 336 दर्ज किया गया, जिससे लगातार चौथे दिन और इस सप्ताह लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गई। SAFAR-India के अनुसार, शहर का AQI रविवार (309) से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। राष्ट्रीय राजधानी के सुबह की सैर करने वालों ने कहा कि सांस लेना अब उतना आसान नहीं है जितना गर्मी के महीनों में हुआ करता था।

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