कानपुर के फजलगंज क्षेत्र में कथित रूप से अवैध सम्बन्धों के शक में 10वीं कक्षा के एक छात्र की अपहरण के बाद गला घोंटकर हत्या करने के आरोप में मंगलवार को ट्यूशन पढ़ाने वाली शिक्षिका और उसके मंगेतर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया।
समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शिक्षिका के मंगेतर प्रभात शुक्ला ने रायपुरवा थाना क्षेत्र के रामबाग निवासी छात्र कुशाग्र कनोडिया (17) की हत्या करने के बाद एक खत लिखकर पीड़ित परिवार से 30 लाख रुपये फिरौती मांगी थी।
उनके अनुसार वारदात को सांप्रदायिक रंग देने के लिए इस पत्र पर हिंदी में अल्लाहु-अकबर लिखा गया था।
पुलिस उपायुक्त (मध्य) प्रमोद कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि पीड़ित परिवार ने सोमवार शाम रायपुरवा थाने से संपर्क कर पुलिस को कनोडिया के अपहरण के बारे में बताया और उसे फिरौती का पत्र सौंपा। उनके अनुसार इसके बाद अलग-अलग पुलिस टीम का गठन किया गया।
उन्होंने बताया कि कनोडिया सोमवार को स्वरूप नगर स्थित अपने कोचिंग सेंटर गया था। उनके मुताबिक सीसीटीवी फुटेज में पाया गया कि रात को वह प्रभात शुक्ला को अपनी स्कूटी पर बैठाकर फजलगंज के ओम नगर स्थित उसके घर छोड़ने गया था एवं दोनों घर के अंदर गये थे।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि शुक्ला 20 मिनट के बाद अपने कमरे से बाहर आया, लेकिन कनोडिया नहीं निकला तथा बाद में उसका शव शुक्ला के घर से मिला।
कुमार ने बताया कि मुख्य साजिशकर्ता प्रभात शुक्ला को अपहृत लड़के की स्कूटी चलाते हुए भी देखा गया था जिसकी नंबर प्लेट उसने बदल दी थी।
उन्होंने बताया कि शक के आधार पर पुलिस ने प्रभात शुक्ला को पकड़कर उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया।
पुलिस के अनुसार शुक्ला को शक था कि कनोडिया का उसकी मंगेतर रचिता वत्स से नाजायज रिश्ता बन गया था।
कुमार ने बताया कि पुलिस ने रचिता वत्स और फजलगंज निवासी शिवा गुप्ता को भी गिरफ्तार कर लिया है एवं तीनों के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धाराओं 364 (ए) (फिरौती के लिए अपहरण), 302 (हत्या के लिए सजा) और 201 (अपराध के सुबूत मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, कानपुर में एक कपड़ा व्यवसायी के पुत्र के अपहरण एवं हत्या के मामले में अपराध को एक समुदाय विशेष से जोड़कर फिरौती की माँग करना और ऐसा करके पुलिस का ध्यान भटकाने की साज़िश बेहद गंभीर मामला है। इस तरह का चलन देश-समाज के लिए बेहद घातक है, इस पर सख़्त-से-सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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