सत्यम कुमार/भागलपुर : भागलपुर के निजी अस्पतालों में विदेश जैसी इलाज अब संभव हो गई है. अब यहां पर दवाई कम संगीत के माध्यम से मरीजों को ठीक किया जा रहा है. संगीत थेरेपी कर रहे श्रेया दत्ता ने बताया कि हम लोग अभी यह रिसर्च ही कर रहे हैं. लेकिन इस दौरान कई मरीज ठीक हुए हैं. उन्होंने बताया कि मैं इलाहाबाद से संगीत की पढ़ाई की है.
मेरी मुलाकात रहमान क्लिनिक के डॉक्टर इम्तियाजुर रहमान से हुई. उन्होंने इस आइडिया को बताया. उन्होंने कहा कि कई बार जब मरीजों को कोई संगीत की धुन सुनाई देती है तो उस दुनिया में वह चले जाता है. इससे वो किसी अन्य चीज़ों को नहीं सोचते हैं. ऐसे कई बार जब मरीजों का मन खाली रहता है तो वो अपने बीमारी के बारे में सोचने लगते हैं. ऐसे में बीमार व्यक्ति जल्द सही नहीं हो पाता है.
संगीत थैरेपी है बेहतर उपचार
श्रेया की माने तो संगीत थेरेपी उपचार का बेहतर विकल्प है. इसमें दवाई कम उपयोग होता है. उन्होंने बताया कि हमलोग दो समय थेरेपी देते हैं. एक दोपहर के समय और एक बार संध्या के समय ये थेरेपी चलती है. जिसको जिस प्रकार का संगीत पसंद होता है उनको उस तरह की संगीत सुनाई जाती है.
सिर्फ संगीत सुनाई ही नहीं जाती बल्कि उनके मनोरंजन के लिए हमलोग उनके साथ गाते भी हैं. इससे उनका न बहलता है. खास बात इसमें यह होती है कि जब संगीत सुनाई जाती है, तब मरीजों को नींद काफी अच्छी आती है. जिससे मरीज जल्द ही रिकवर होते हैं. यह डिप्रेशन में जाने बचाता है. अगर कोई डिप्रेशन का शिकार हो गया है तो उन्हें इस चीजों से निकालता भी है.
आयुर्वेद में इस प्रक्रिया का होता है इस्तेमाल
श्रेया ने बताया कि पहले इस पद्धति से आयुर्वेद में इलाज होता था. लेकिन अब ये पद्धति खत्म होती जा रही है. अभी भी कुछ जगहों पर ये पद्धति चल रही है. भारत में साउथ के तरफ अभी भी संगीत थेरेपी के माध्यम उपचार होता है. इस थैरेपी से रक्तचाप में वृद्धि, नींद में वृद्धि, प्रेसर को बढ़ाने में मदद, अधिक धड़कन को काबू करना सहित कई तरह के चीजों को कंट्रोल किया गया है.
.
FIRST PUBLISHED : October 31, 2023, 12:59 IST