युद्ध गाजा में हो रहा, लेकिन जड़ यरुशलम में: अल-अक्सा मस्जिद में नमाज पर पाबंदियां, सिर्फ 55 साल से ऊपर वालों को एंट्री

यरुशलम3 मिनट पहलेलेखक: वैभव पलनीटकर

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कमहदी करावी अपनी बेटियों के साथ माउंट ऑफ ओलिव घूमने आए हैं। इस पहाड़ी से पूरा यरुशलम शहर दिखता है। लगता है जैसे पैनोरमा फ्रेम की कोई फोटो देख रहे हैं। पेशे से शेफ कमहदी अरब मुस्लिम हैं और ईस्ट यरुशलम में रहते हैं। युद्ध की वजह से अब उनके पास काम नहीं है, इसलिए बच्चों को लेकर माउंट ऑफ ओलिव घूमने आ गए।

कमहदी करावी अपने बच्चों के साथ। पीछे दिख रहा सुनहरा गुंबद डोम ऑफ द रॉक है, जो अल अक्सा मस्जिद के बीच में बना है। (फोटो-वैभव पलनीटकर)

कमहदी करावी अपने बच्चों के साथ। पीछे दिख रहा सुनहरा गुंबद डोम ऑफ द रॉक है, जो अल अक्सा मस्जिद के बीच में बना है। (फोटो-वैभव पलनीटकर)

इजराइल-हमास की जंग के दौरान की कवरेज के दौरान दैनिक भास्कर यरुशलम पहुंचा। दिन शुक्रवार था। शुक्रवार यरुशलम के लिए सबसे मुश्किल दिन होता है। आमतौर पर नमाज अदा करने के बाद कुछ लोग बाहर आकर नारेबाजी और प्रदर्शन करते हैं। कई बार ये प्रदर्शन उग्र हो जाते हैं और जमकर पत्थरबाजी और हिंसा के नजारे यरुशलम की सड़कों पर दिखते हैं।

अल-अक्सा मस्जिद और डोम ऑफ द रॉक से नमाज की अनाउंसमेंट माउंट

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