अनूप पासवान/कोरबाः करवाचौथ एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भारतीय महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, इस दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए व्रत रखती हैं, और दीर्घायु की कामना करती हैं. इस दिन महिलाएं चांद की चांदनी को साक्षी मानकर व्रत को खुलती है.
इस दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए व्रत रखती हैं, और दीर्घायु की कामना करती हैं. इन सब के बीच महिलाओं के मन में सबसे बड़ा सवाल और दुविधा इस बात को ले कर रहती है कि चंद्रोदय कितने बजे होगा. आसमान अगर साफ नही रहा तो बिना चांद देखे अर्घ कैसे दें. इस विषय पर ज्योतिषाच्राय अमरनाथ द्विवेदी से बातचीत की, क्या कुछ कहा आइए जानते हैं.
ज्योतिषाचार्य अमरनाथ द्विवेदी ने बताया कि इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा. इस दिन 8:20 पर चंद्रोदय होगा, और चांद को अर्घ देने का यही शुभ मुहूर्त भी है. जिससे महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का सौभाग्य प्राप्त होगा.
व्रत के पीछे की कहानी
पंडित अमरनाथ द्विवेदी ने बताया कि महाभारत के धनुर्धर अर्जुन तपस्या करने के लिए अज्ञात वन में गए थे, काफी समय बीत गए लेकिन, अर्जुन वापस नहीं पहुंचे थे. इन सबके बीच द्रौपदी को उनकी बेहद चिंता सताने लगी. द्रौपदी ने श्री कृष्ण को इस विषय में बताया और मार्गदर्शन देने के लिए कहा, श्री कृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि पति पर आने वाले समस्त संकटों को नाश पत्नी द्वारा किया जा सकता है.
द्रौपदी ने रखा था व्रत
उन्होंने यह भी कहा कि तुम अर्जुन की रक्षा के लिए करवा चौथ का व्रत रखो. श्री कृष्ण ने द्रौपदी को करवा चौथ व्रत की कथा सुनाई और सारा विधि विधान समझाया. द्रौपदी ने पूरी श्रद्धा भाव के साथ, व्रत रखा और विधि विधान से पूरा किया. इस व्रत का समापन होते ही अर्जुन शास्त्रों के ज्ञान को प्राप्त करके अपनी पत्नी यानि द्रौपदी के पास लौट आए थे.
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FIRST PUBLISHED : October 30, 2023, 14:00 IST