नीतिल आंतिल/ सोनीपत. एशियन गेम्स के बाद पैरा एशियन गेम्स में भी हरियाणा के खिलाड़ियों का जलवा बरकरार है, चीन के हांगझोऊ में चल रहे पैरा एशियन गेम्स में गांव खेवड़ा के लाडले सुमित आंतिल ने शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक हासिल किया है. सुमित आंतिल ने एक बार फिर से देश व प्रदेश का मान बढ़ाते हुए 73.29 मीटर के थ्रो के साथ एशियन पैरा गेम्स रिकॉर्ड और विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा है. सुमित की इस जीत के बाद गांव व परिवार में जश्न का माहौल है.
गांव खेवड़ा के लाडले सुमित आंतिल ने पैरा एशियन गेम्स में देश के लिए स्वर्णिम उपलब्धि प्राप्त की है. सुमित ने प्रतियोगिता में एफ-64 भाला फेंक स्पर्धा में 73.29 मीटर भाला फेंक अपने पुराने रिकॉर्ड 70.83 मीटर में सुधार कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है. सुमित पहले ही 2024 पेरिस पैरालंपिक के लिए चयनित हो चुके हैं. खेवड़ा का यह लाडला टोक्यो पैरालंपिक में देश का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिख चुका है.
सड़क हादसे में गंवाया पैर
परिजनों ने बताया कि सुमित शुरूआत से ही पहलवान बनना चाहते थे लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.7 जून 1998 को जन्मे सुमित ने करीब नौ साल पहले हुए सड़क हादसे में अपना एक पैर गंवा दिया था लेकिन बावजूद इसके सुमित ने जिंदगी से कभी हार नहीं मानी और बुलंद हौसले से हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला किया. सुमित ने अपनी मां से जो वादा किया था वो पूरा होता दिख रहा है.सुमि की मां का कहना है कि सुमित अक्सर उन्हें कहता था कि ‘जो सुख तुझे दो पैर वाला नहीं दे सकता, वो सुख तेरा एक पार वाला बेटा तुझे देगा’ सुमित की इस जीत के बाद गांव में जश्न का माहौल है. परिवार अब आपने बेटे के स्वागत समारोह की तैयारियों में जुट गया है.
7 साल की उम्र में पिता को खोया
सुमित जब सात साल के थे, तब एयरफोर्स में तैनात पिता रामकुमार का बीमारी से निधन हो गया था. पिता का साया सिर से उठने के बाद मां निर्मला ने कड़ी मेहनत से चारों बच्चों का पालन-पोषण किया. 5 जनवरी 2015 की शाम को सुमित ट्यूशन लेकर बाइक से वापस आ रहे थे, तभी सीमेंट के कट्टों से भरी ट्रैक्टर-ट्राली ने सुमित को टक्कर मार दी थी और काफी दूर तक घसीटते हुए ले गई थी. इस हादसे में सुमित को अपना एक पैर गंवाना पड़ा था.
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FIRST PUBLISHED : October 25, 2023, 15:27 IST