हाइलाइट्स
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड और ट्रॉयज रूम में रखा गया था दो दिनों तक शव
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने दोषी अधिकारियों पर जांच कर कार्रवाई की उठायी मांग
रिपोर्ट. गोविंद कुमार
गोपालगंज. बिहार के गोपालगंज के मॉडल सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दो दिनों तक मरीजों के बीच लावारिस और वारिस शवों को रखने का मामला मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) पार्टी के जिलाध्यक्ष पंकज सिंह राणा ने राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से जांच कराने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
हम जिलाध्यक्ष ने कहा कि सदर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के पास एक कमरा बनाया गया है, जिसमें मोर्चरी वार्ड है. यहां दो लोगों के शव रखने के लिए दो डी-फ्रीजर है, जिसमें सिविल सर्जन के मुताबिक एक डी-फ्रीजर महीनों से खराब है. वहीं, दूसरा डी-फ्रीजर चालू है, जिसमें एक ही शव को रखा गया है.
जानकारी के अनुसार दो पुरुष और दो महिलाओं के शव को इमरजेंसी वार्ड के शल्य कक्ष और ट्रॉयज रूम लावारिस हालत में रखा गया था, जहां आवारा कुत्तें शव को नुकसान पहुंचा रहे थें. लावारिस शवों के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में जवाबदेह और दोषी अधिकारियों पर जांच कर कार्रवाई करना आवश्यक बताया है, ताकि इयस तरह की लापरवाही फिर न हो.
क्या है पूरा मामला
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में 26 और 27 अक्टूबर तक चार लोगों के शवों को इमरजेंसी वार्ड में लावारिस हालत में छोड़ दिया गया था. दो शव शल्य कक्ष में स्ट्रेचर पर रखे गये थे, जबकि दो शव ट्रॉयज रूम में रखे गए थे. शव के साथ दुर्व्यवहार और उसमें से निकल रही दुर्गंध की वजह से मरीजों को इलाज कराने में परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं मामला मीडिया में आने पर सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने आनन-फानन में शवों का पोस्टमार्टम करवाया और पुलिसकर्मियों पर लापरवाही की बात करते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया था. हालांकि एसपी स्वर्ण प्रभात ने अस्पताल के मुर्दा घर में ही लावारिस शवों को रखने का इंतजाम होने की बात कही थी.
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Tags: Bihar News, Gopalganj news
FIRST PUBLISHED : October 30, 2023, 07:20 IST