जूता बेचकर बेटे को पढ़ाया, अब बेटा बना सीनियर डिप्टी कलेक्टर तो पिता की हुई मौत

हाइलाइट्स

बीपीएससी पास कर जूता चप्पल बेचने वाले का बेटा बना एसडीसी
बेटे के अधिकारी बनने की खुशियां भी नहीं मना सके पिता
बेटे का परिणाम आने के चंद देर बाद पिता की हुई मौत
अधिकारी बने बेटे ने सफलता का श्रेय पिता को दिया

जमुई. बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं परीक्षा परिणाम आने के बाद जमुई जिले के बरहट इलाके के लोगों में खुशी का आलम था. लोग खुश थे कि गरीब परिवार का लाल ललन कुमार भारती ने जूता चप्पल बेचने वाले अपने पिता का सपना पूरा कर दिया. लेकिन, परीक्षा परिणाम आने के समय उसके पिता पटना के अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे. इसलिए ललन के पिता बेटे के सीनियर डिप्टी कलेक्टर (एसडीसी) बनने की खुशी तक नहीं मना सके. बीपीएससी परीक्षा में बेटे की सफलता के कुछ घंटे के बाद ही पिता जगदीश दास की मौत हो गई और इसी के साथ परिवार और गांव में जहां लोग ललन की सफलता पर खुशियां मना रहे थे, वहां का माहौल गमगीन हो गया.

दरअसल ललन के पिता जगदीश दास बीएससी की परीक्षा पास कर अधिकारी बनने की खुशी नहीं मना सके. परीक्षा परिणाम आने के कुछ ही देर के बाद उन्होंने अपने बेटा और परिवार का साथ छोड़ दिया.  जानकारी के अनुसार ललन दास कोलकाता में रहकर जूता सीने का काम करते थे. कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण वह कोलकाता से अपने गांव लौटे थे. कोलकाता में जूता चप्पल तैयार कर और फिर उससे जुड़ा रोजगार करते हुए जगदीश दास ने अपने बच्चों को शिक्षा दी थी. जानकारी के अनुसार गांव लौट के बाद पिछले पंचायत चुनाव में ललन कुमार भारती के पिता जगदीश दास चुनाव लड़ते हुए लखए पंचायत से वार्ड सदस्य भी चुने गए थे.

स्नातक करने के बाद BPSC की में जुट गए थे 

बता दें, जमुई जिले के बरहट प्रखंड के तपोवन भंदरा गांव का ललन कुमार भारती 67वी बीपीएससी परीक्षा में 349 व रैंक हासिल किया है. ललन कुमार भारती का चयन सीनियर डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है .ललन कुमार भारती बीते 4 साल से बीएससी की तैयारी कर रहे थे, तीसरी अटेंप्ट में उन्हें यह सफलता मिली है. ललन कुमार भारती वर्तमान समय में ऑडिटर के पद पर कार्यरत है. अपने गांव में ही प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद सैनिक स्कूल नालंदा से 12वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद बीपीएससी की तैयारी में जुट गया था.

बेटे ने पिता को दिया सफलता का श्रेय 

अपने इस सफलता पर ललन कुमार भारती ने बताया कि इसका सारा श्रेय वह अपने पिता को देना चाहते हैं. ललन कुमार भारती ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें बहुत कठिनाई से पढ़ाया है और मुझे इस काबिल बनाया की वह अच्छा काम कर सके, मौत पर ललन कुमार भारती ने बताया कि उनके पिता जगदीश दास उन्हें उनके भाइयों को पढ़ने के लिए ध्यान देते थे, उन्होंने पढ़ाया तभी आज एक भाई मेरा टीचर है, दूसरा भाई इंजीनियर है और अब मैं एसडीसी के पद पर चयनित हुआ हूं.

Tags: Bihar News, BPSC, Jamui news

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