कुमार विश्वास हिंदी के बेहद चर्चित कवि, वक्ता और विचारक हैं. हिंदी और हिंदी कविता दुनिया के कोने-कोने में पुनः स्थापित करने वाले कुमार विश्वास मंच संचालन, गायन, काव्य वाचन, पाठन, लेखन आदि सब विधाओं में निपुण हैं.
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युवाओं के दिलों पर राज करने वाले देश के सबसे चर्चित कवि और शायर कुमार विश्वास हिंदी काव्य की दुनिया में चमकता एक बड़ा सितारा हैं. एक अध्यापक से कवि, राजनेता और अब राम कथा मर्मज्ञ डॉ. कुमार विश्वास ने समाज के हर वर्ग में एक खास मुकाम हासिल किया है. कुमार विश्वास की हर कविता यहां तक कि उनके हर अल्फाज लोगों के दिलों में सीधे उतरते हैं. वे कहते हैं- “बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेड़े सह नहीं पाया, हवाओं के इशारों पर मगर मैं बह नहीं पाया.”
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कुमार विश्वास के हर शो में हजारों लोगों की भीड़ जुटती है. उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद के पिलखुवा कस्बे में जन्मे कुमार विश्वास ने देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान स्थापित की है. उनकी रचनाओं में युवा दिलों की धड़कन साफ सुनाई देती है. कुमार विश्वास एक जगह लिखते हैं- “मैं जब भी तेज चलता हूं नजारे छूट जाते हैं, कोई जब रूप गढ़ता हूं तो साँचे टूट जाते हैं.
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कुमार विश्वास की कामयाबी के पीछे कहा जाए तो उनकी कविता ‘कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है’ का बहुत बड़ा हाथ है. इस कविता की वजह से कुमार विश्वास को उनके चाहने वालों ने अपनी पलकों पर बैठाया. कुमार विश्वास भी कहते हैं कि कॉलेज के दिनों में जब वह एक लड़की की मोहब्बत में जकड़े तो यह कविता फूट पड़ी. ‘कोई दीवाना कहता है’ नाम से ही कुमार विश्वास का पहला कविता संग्रह प्रकाशित हुआ था.
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डॉ. कुमार विश्वास ने अपने शुरूआती दिनों में केवल और केवल मोहब्बत लिखी. इश्क-प्यार से सराबोर गीत लिखे, शायरी की. कुमार विश्वास के गीतों में मोहब्बत के कई रूप देखे जा सकते हैं. कुमार की कविताओं में माशूका की मोहब्बत महकती है तो मां-पिता का प्यार-दुलार उमड़ता है. उनके छंदों में देश प्रेम छलकता है तो ख़ुदा की इबादत डूबती शायरी है. मोहब्बत के बारे में कुमार विश्वास कहते हैं- “मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है, कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है.”
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