लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को अपना पक्ष रखने के लिए 2 नवंबर को बुलाया -सूत्र

नई दिल्ली:

पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को अब 2 नवंबर को कमेटी के समक्ष पेश होने को कहा है. इससे पहले एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा था. लेकिन महुआ ने बाद में कमेटी से अनुरोध किया था कि उन्हें 5 नवंबर के बाद ही बुलाया जाए. लेकिन सूत्रों से खबर आ रही है कि एथिक्स कमेटी ने महुआ को 2 नवंबर को अपना पक्ष रखने के लिए आने कहा है.

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बता दें कि इस मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने बीजेपी नेता निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई से पहले ही उनका पक्ष सुन लिया है. एथिक्स कमेटी ने अपनी पहली बैठक के बाद कहा था कि इस मामले में महुआ मोइत्रा का पक्ष जानने के बाद इस मामले में किसी और गवाह के पेश होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

महुआ ने लॉग इन पासवर्ड देने की बात मानी

गौरतलब है कि तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने (Cash for Query Row) के मामले में स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से लोकसभा वेबसाइट का अपना लॉगइन आईडी और पासवर्ड साझा किया था, ताकि कारोबारी उनकी तरफ से सवाल कर सकें. साथ ही महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से उपहार के रूप में केवल “एक स्कार्फ, कुछ लिपस्टिक और आईशैडो सहित अन्य मेकअप सामान” मिला था, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने उन्हें इसका इस्तेमाल करने दिया था. 

सवाल पूछने के लिए पैसे लेने से जुड़े आरोपों पर इंडिया टुडे को दिये एक इंटरव्‍यू में महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी से रिश्वत लेने के आरोपों का खंडन किया है. साथा ही मांग की है कि उन्हें हीरानंदानी से जिरह करने का मौका दिया जाए.

महुआ ने अपना बचाव करते हुए कहा, “मैंने दूसरों के साथ भी अपना लॉगइन आईडी और पासवर्ड साझा किया है… क्‍योंकि मैं रिमोट एरिया में काम करती हूं, इसलिए काफी व्‍यस्‍त रहती हूं. लेकिन सवाल टाइप करने के बाद हर बार मुझे भेजे जाते हैं. मैं सवालों को पढ़ती हूं. इन सवालों को टाइप करने के बाद मेरे मोबाइल पर एक ओटीपी आता है. मैं यह ओटीपी उन्‍हें देती हूं, तब कहीं जाकर सवाल दर्ज होता है. 

निशिकांत दुबे ने किया महुआ के दावे का खंडन

महुआ मोइत्रा ने दावा किया कि सरकारी और संसदीय वेबसाइटों को संचालित करने वाले एनआईसी के पास कोई नियम नहीं हैं. हालांकि, इसका खंडन करते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एनआईसी द्वारा निर्दिष्ट नियम और एक फॉर्म पोस्ट किया, जिसे भरना प्रत्येक सांसद के लिए बाध्य है. इनमें क्रेडेंशियल्स को निजी और गोपनीय रखने और किसी भी वैकल्पिक उपयोगकर्ता के बारे में एनआईसी को सूचित करने के निर्देश शामिल हैं, क्योंकि किसी भी उल्लंघन से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो सकते हैं. 

निशिकांत दुबे ने लगाया आरोप

गौरतलब है कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को एक बार फिर महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे. इस पोस्ट में उन्होंने एक्स पर लिखा कि सूचना के अनुसार दर्शन हीरानंदानी व दुबई दीदी (सांसद) संपर्क में हैं. गवाह को प्रभावित करने की कोशिश चल रही है. लोकसभा अध्यक्ष को इसपर कार्रवाई करनी चाहिए. 

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