पटना. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 170000 शिक्षक पदों के लिए घोषित परिणामों को लेकर अभ्यार्थियों का विरोध लगातार जारी है. गुरुवार के दिन भी बिहार लोक सेवा आयोग कार्यालय के सामने अभ्यर्थियों का हंगामा जारी रहा. इस दौरान काफी संख्या में दिव्यांग अभ्यर्थी बीएससी कार्यालय के सामने पहुंच गए थे और बीपीएससी के रिजल्ट पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे थे.
वहीं अभ्यर्थियों के हंगामा और विरोध को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने बिहार लोक सेवा आयोग कार्यालय के सामने किसी भी तरह के धरना और प्रदर्शन पर रोक लगा दी है. बता दें, अभ्यर्थियों ने गुरुवार को जैसे ही धरना प्रदर्शन शुरू किया मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस टीम पहुंची और परीक्षार्थियों अभ्यर्थियों को बिहार लोक सेवा आयोग कार्यालय के सामने से खदेड़ दिया.
पटना जिला प्रशासन ने कहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग कार्यालय का इलाका प्रतिबंधित क्षेत्र है इसलिए यहां पर किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन की मंजूरी नहीं दी जाएगी. अभ्यर्थियो द्वारा रिजल्ट में गड़बड़ी के अलावा यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि प्रमाण पत्र के सत्यापन में भी कई अयोग्य छात्र सफल घोषित कर दिए गए हैं और तो और दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में परीक्षा देने की अनुमति नहीं थी. लेकिन फिर भी उन्हें सफल घोषित किया गया है.
हालांकि, बीपीएससी ने अब इस मामले पर सफाई भी दी है. बीपीएससी ने इस मसले पर सफाई देते हुए कहा कि अभी कई ऐसे मामले मिलेंगे. बीपीएससी पहले ही स्पष्ट किया है कि रिजल्ट औपबंधिक है. बगैर दस्तावेज सत्यापन के ही मेधा सूची जारी की गई हैं. दस्तावेज और प्रमाण पत्र सत्यापन में अर्हता नहीं रखने वाले अभ्यर्थी बाहर होंगे.
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FIRST PUBLISHED : October 26, 2023, 14:21 IST