राजस्थान में प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी को बीजेपी का राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि चुनाव आते ही केंद्रीय एजेंसियां बीजेपी की असली ‘पन्ना प्रमुख’ बन जाती हैं। परीक्षा पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय राजस्थान में लगभग एक दर्जन स्थानों पर तलाशी ले रहा है, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं के आवास भी शामिल हैं। एजेंसी ने मामले के सिलसिले में पिछले हफ्ते इसी तरह की छापेमारी की थी और 12 लाख रुपये नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए थे। वहीं, एजेंसी ने फेमा मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी शुक्रवार को जयपुर या नई दिल्ली स्थित एजेंसी के कार्यालय में बुलाया है।
इसी को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पोस्ट में लिखा कि चुनाव आते ही ED, CBI, IT आदि भाजपा के असली ‘पन्ना प्रमुख’ बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में अपनी निश्चित हार को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने चला अपना आख़िरी दाँव! ED ने छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव अभियान में उतरते हुए कांग्रेसी नेताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की तानाशाही लोकतंत्र के लिए घातक है। हम एजेंसियों के दुरपयोग के ख़िलाफ़ लड़ते रहेंगे, जनता भाजपा को क़रारा जवाब देगी। वहीं, पवन खेड़ा ने कहा कि आज राजस्थान में फिर से ED पहुंच चुकी है। पहले जहां चुनाव होता था, वहां मोदी जी जाते थे। अब जहां चुनाव होता है, वहां ED पहुंच जाती है। राजस्थान के लोग सब देख रहे हैं। वो दिल्ली के आगे ना कभी झुके हैं और ना झुकेंगे।
गोविंद सिंह डोटासरा की संपत्तियों पर ईडी के छापे और वैभव गहलोत को ईडी के समन पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आज स्थिति चिंताजनक है. सवाल किसी का नहीं है, सवाल मेरे बेटे का नहीं है। उन्होंने पूरे देश में आतंक फैला रखा है। उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि ईडी अधिकारी एक साल से अपने परिवारों को छत्तीसगढ़ स्थानांतरित कर चुके हैं और वहां किराए पर रह रहे हैं क्योंकि उन्हें हर दिन छापेमारी करनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि गुंडागर्दी है ये…ऊपर से दबाव के बिना न तो ईडी आ सकती है और न ही सीबीआई। वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में हर कोई जानता है कि कैसे 17 बार पेपर लीक हुआ और सरकार ने प्रमुख संदिग्धों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। इसमें पैसे का भारी आदान-प्रदान शामिल था…सभी स्वतंत्र एजेंसियाँ अपने स्तर पर कार्यवाही कर रही हैं। सभी को उनका स्वागत करना चाहिए। यदि वे दोषी नहीं हैं, तो पकड़े नहीं जायेंगे और यदि दोषी हैं, तो अवश्य पकड़े जायेंगे।