MP के इस शहर में बिक जाते हैं 20 करोड़ के रावण, यहां पुतले बनाने का बड़ा कारोबार

अभिलाष मिश्रा/इंदौर: पिछले कुछ सालों से इंदौर रावण के पुतले की मंडी बनता जा रहा है. पुतले बनाने वालों की मानें तो शहर के 85 वार्डों में तकरीबन 10 हजार जगहों पर रावण दहन का आयोजन किया जाता है. छोटे से छोटे रावण के एक पुतले की कीमत 2 हजार रुपये होती है. इस हिसाब से शहर में 15 से 20 करोड़ का कारोबार हो जाता है.

इसके अलावा इंदौर के आस-पास के शहरों व ग्रामीण इलाकों से भी लोग बड़ी तादाद में रावण के पुतलों की खरीदी करने के लिए आते हैं. पुतले बनाने वाले दीपक जैन, राजेश सोलंकी बताते हैं कि पिछले कुछ सालों से इंदौर में रावण के पुतले का कारोबार इतना बढ़ गया है कि अब इंदौर रावण की मंडी का रूप ले चुका है.

रावण के पुतलों का ये है रेट
शहर के 85 वार्डों में ही लगभग 10 हजार से ज्यादा जगहों पर रावण दहन किया जाता है. इनमें से लगभग 95 प्रतिशत तो आर्डर पर ही रावण के पुतले बनते हैं. इसके अलावा छोटे-बड़े कई रावणों के पुतलों का दहन गली-मोहल्लों के बच्चे कर देते हैं. रावण के एक पुतले की कीमत कम से कम दो हजार रुपए होती है, जबकि साइज के हिसाब से 20 से 50 हजार तक के पुतले भी बनाए जाते हैं. इस तरह इंदौर में ही रावण के पुतलों का कारोबार लगभग 20 करोड़ से ऊपर का हो जाता है. ऐसे में इस काम में लगे कई परिवार के लोग दशहरा सीजन में 25 से लेकर 50 हजार तक की कमाई कर लेते हैं.

एक सिर वाले रावण की ज्यादा डिमांड
रावण पुतला व्यापारियों ने बताया कि वक़्त के साथ बढ़ती महंगाई ने पुतलों की कीमतों में भी दो से तीन गुना का इजाफा कर दिया है. नतीजतन रावण दहन करने वाले ज्यादातर आयोजक अब रावण के 10 सिर, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों के बगैर ही रावण का दहन कर रहे हैं. ऐसे में बाजार में रावण के 10 सिर वाले पुतलों की मांग कम हो गई है. अब कुछ स्थानों को छोड़ दें तो दशानन का नहीं, सिर्फ रावण का ही दहन किया जाता है. बढ़ती महंगाई ने परमपराओं पर भी असर डाला है, जिससे पारंपरिक त्योहार दशहरे पर रावण दहन भी इसकी चपेट में आ गया है. कारण साफ है कि अब रावण दहन के ज्यादातर आयोजक कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों के बगैर रावण के 1 सिर वाले पुतलों का दहन करने लगे हैं.

लोग बनवा लेते हैं फ्लेक्स
कारोबारियों ने बताया कि रावण के 10 फीट का पुतला बनाने के लिए 10 से 15 हजार रुपये का खर्च होता है, इसे 18 से 20 हजार रुपये तक में बेचा जाता है. महंगाई के चलते रावण दहन करने वाले बड़े से बड़े आयोजक भी रावण का सिर्फ एक ही सर बनवाते हैं. बाकी के 9 सिर का एक फ्लेक्स बनवा लेते हैं. मेघनाथ, कुंभकरण के साथ ही लंका को प्रतिकृति बनाने का चलन भी अब खत्म सा हो चला है.

शहर के इन इलाकों में रावण पुतले उपलब्ध
शहर में रावण के पुतलों का बड़े स्तर पर कारोबार इन दिनों मालवा मिल क्षेत्र सबसे प्रसिद्ध हो गया है. इसके अलावा शहर के अन्य हिस्सों जैसे छावनी, खजराना, टॉवर चौराहा, विजय नगर व कालानी नगर जैसे इलाको में कुछ सालों से इनका कारोबार बड़ी तादाद में फल-फूल रहा है. इस बाजारों में दर्जनों से लेकर सैकड़ों रावण के पुतले बिकने के लिए तैयार खड़े रहते हैं. इन स्थानों पर 1 फीट से लेकर 10 फीट तक के रेडिमेड रावणों की मांग शहर से बाहर जैसे महू, पीथमपुर, देवास,धार सांवेर, धरमपुरी, धार के साथ ही कई ग्रामीण क्षेत्रों से भी हो रही है.

Tags: Dussehra, Indore news, Local18, Ravana Dahan, Ravana effigy

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