BPSC शिक्षक भर्ती रिजल्ट को लेकर मन में है कोई सवाल, तो आयोग ने दिया है जवाब

सच्चिदानंद/पटना. बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है. पहली से लेकर पांचवी और 11वीं और 12वीं के भी अधिकतर विषयों का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. रिजल्ट के बाद अब बारी काउंसलिंग की है. इसको लेकर हर जिले में प्रक्रिया चल रही है. हालांकि अभी 9वीं और 10वीं का रिजल्ट नहीं आया है.

उम्मीद है कि कुछ दिनों में वह भी जारी कर दिया जाएगा. अब रिजल्ट को लेकर कई अभ्यर्थियों के मन में सवाल उमड़ रहे हैं. अलग-अलग माध्यमों से अभ्यर्थी इन सवालों का जवाब आयोग से चाहते हैं. इसको लेकर अभ्यर्थी आयोग के कार्यालय के सामने जुटते भी हैं. अभ्यर्थियों की मांग है कि वन कैंडिडेट वन रिजल्ट होना चाहिए. इसको लेकर आयोग से जवाब आ गया है. इस तरह के करीब 10 सवालों का जवाब आयोग ने दिया है, ताकि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार का कंफ्यूजन ना रहे.

यह है आयोग का जवाब

प्रश्न : अभ्यर्थियों को एक से अधिक परिणाम देकर रिक्तियां क्यों बर्बाद की जा रही हैं?

उत्तर: अभ्यर्थियों को एक से अधिक परिणाम दिया गया है, ताकि DV के समय किसी एक में असफल होने पर दूसरी नियुक्ति से भी वंचित न हो जाएं. ऐसी रिक्ति को इसी चयन प्रक्रिया में प्रतीक्षा सूची से भरा जाएगा या अगली प्रक्रिया में यह राज्य सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा.

कुछ प्रश्न

1. मेरे नंबर क्वालीफाइंग कटऑफ से अधिक होने और अभी भी कुछ रिक्तियां होने के बावजूद मैं सफल क्यों नहीं हुआ हूं ?

2. कुछ सफल अभ्यर्थियों से मेरी संख्या अधिक होने के बावजूद मैं सफल क्यों नहीं हुआ हूं ?

3. कुछ B.Ed अभ्यर्थियों को PRT में सफल क्यों घोषित किया गया है ?

4. CTET के असफल उम्मीदवार को PRT में क्यों सफल घोषित?

5. मुझे मेरी पसंद का जिला क्यों नहीं मिला ?

इन सभी का जवाब

1. दस्तावेज सत्यापन में 10,000 से अधिक को अयोग्य घोषित किया गया है.

2. करीब 4800 लोग भाषा के पेपर में असफल हुए हैं.

3.यदि आवेदन में दावा नहीं किया गया है या अपेक्षित प्रमाण-पत्र जमा नहीं किया गया है, तो आरक्षण का लाभ नहीं देय होगा.

4. रिक्तियां दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित रखने के कारण

5. CTET में शामिल होने वाले उम्मीदवार जो CTET में असफल हो गए हैं, उन्हें PRT-DV के दौरान बाहर कर दिया जाएगा. इसकी सूचना विज्ञापन में भी है.

6. लगभग 10,000 बीएड अभ्यर्थी डिप्लोमाधारक भी हैं.

7. जिले का आवंटन सभी को अपने ऐक्षिक जिला में देना न ही संभव और न ही आवश्यक.

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