राहुल गांधी के ‘दोराला’ तेलंगाना वाले बयान पर बीआरएस नेता रामाराव का पलटवार

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राहुल ने कहा था कि तेलंगाना के साथ उनका रिश्ता राजनीतिक नहीं, बल्कि पारिवारिक है। कविता ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ही 1950 के दशक में तेलंगाना का विलय आंध्र प्रदेश में कर दिया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद इंदिरा गांधी ने 1969 में अलग तेलंगाना बनाने से इनकार कर दिया और कई छात्रों को अपनी जान गंवानी पड़ी। कविता ने आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी तेलंगाना के गठन की घोषणा के बाद इससे पीछे हट गयी थीं और कई लोग मारे गये।

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर उनके इस बयान के लिए निशाना साधा कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव ‘दोराला’ (सामंती) तेलंगाना और ‘प्रजाला’ (जनता के) तेलंगाना के बीच हैं।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की सरकार को ‘सामंतवादी’ करार देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले तीन दिन में तेलंगाना में अपनी अनेक सभाओं में आरोप लगाया है कि 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में लड़ाई ‘दोराला’ तेलंगाना और ‘प्रजाला’ तेलंगाना के बीच है।
केटी रामाराव ने कहा, ‘‘मैं उन्हें उनकी दादी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) की याद दिलाता हूं। इंदिरा जी ने हमें इस देश का एकमात्र आपातकाल दिया था, इसलिए स्वतंत्र भारत के इतिहास में श्रीमती इंदिरा गांधी से बड़ा कोई तानाशाह नहीं हुआ।

इसलिए, कृपया हमें सबक सिखाने की कोशिश न करें। हमें लोकतंत्र के गुण सिखाने की कोशिश मत कीजिए…ऐसा लगता है कि शैतान उपदेश दे रहा है।’’
रामाराव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने बिना तैयारी के आने के मामले में राहुल जैसा नेता नहीं देखा जो हर दिन नये राज्य में जाते हैं और पूछते हैं कि ‘आज की स्क्रिप्ट क्या है?’
बीआरएस की विधान परिषद सदस्य के. कविता ने राहुल गांधी के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘गांधी परिवार का तेलंगाना से रिश्ता केवल विश्वासघात और पिछड़ेपन का है।’’

राहुल ने कहा था कि तेलंगाना के साथ उनका रिश्ता राजनीतिक नहीं, बल्कि पारिवारिक है।
कविता ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ही 1950 के दशक में तेलंगाना का विलय आंध्र प्रदेश में कर दिया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद इंदिरा गांधी ने 1969 में अलग तेलंगाना बनाने से इनकार कर दिया और कई छात्रों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
कविता ने आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी तेलंगाना के गठन की घोषणा के बाद इससे पीछे हट गयी थीं और कई लोग मारे गये।

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