बेहतर स्वाद और शुद्ध घी में बने होने के कारण गुलाब जामुन खाते हैं लोग

राजकुमार सिंह/वैशाली. मिठाई खाना भला किसे पसंद नहीं है. अलबत्ता मिठाई अगर गुलाब जामुन हो और वह भी शुद्ध देसी का बनी हुई हो, तो दो-चार पीस ज्यादा भी खा लेंगे. जी हां! अगर आप घी के बने शुद्ध और स्वादिष्ट गुलाब जामुन खाना चाहते हैं, तो वैशाली जिले के चकसिकन्दर आ जाएं. दुकान भले ही छोटी दिखती हो, यहां की मिठाई के शौकीन मंत्री से लेकर संतरी तक हैं. अशोक मिष्ठान भंडार के नाम से चलने वाली इस दुकान का गुलाब जामुन इतना मशहूर है कि खाने से ज्यादा लोग पैक कराकर घर ले जाते हैं.

300 रुपए किलो है गुलाब जामुन

सबसे खास बात यह है कि आसपास के 20 किलोमीटर के दायरे में होने वाले शादी-विवाह या अन्य कार्यक्रम यहां के गुलाब जामुन के बिना सफल नहीं होते हैं. यही कारण है कि लोग अपने घर पर होने वाले समारोह या अन्य कार्यक्रम के लिए बड़े पैमाने पर गुलाब जामुन का ऑर्डर देते हैं.

दुकान के मालिक अशोक कुमार बताते हैं कि वर्ष 1991 में उनके पिता ने सबसे पहले घी में गुलाब जामुन बनाना शुरू किया था. इसके बाद से वह इस दुकान को चला रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 40 से 50 किलो गुलाब जामुन की बिक्री हो जाती है. खुदरा में यह 10 रुपए प्रति पीस, तो थोक में 300 रुपये प्रति किलो की दर से बिक्री होती है.

जमकर गुलाब जामुन खाते हैं लोग

अशोक बताते हैं कि बेहतर स्वाद और शुद्ध घी में बने होने के कारण इस इलाके के जो भी लोग बाहर से अपने घर आते हैं, यहां का गुलाब जामुन जमकर खाते हैं. साथ ही जाते समय गुलाब जामुन ले जाना नहीं भूलते हैं. अशोक की माने तो यहां का गुलाब जामनू दूसरे जिले के लोग भी खरीदते हैं.

अच्छी बिक्री होने के कारण ही इस छोटी सी दुकान पर सात लोगों को रोजगार मिला हुआ है. अशोक की माने तो इस सड़क से गुजरने वाले विधायक, मंत्री, अधिकारी भी यहां की मिठाई खाना नहीं भूलते हैं. इस दुकान में गुलाब जामुन छोड़ कर दूसरा कुछ नहीं मिलता है. सुबह 6 बजे से रात के 8 बजे तक दुकान खुली रहती है.

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