गौरव सिंह/भोजपुर. नवरात्रा की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में कई जगहों पर रामलीला का आयोजन होता है. बिहार के भोजपुर में 400 साल से भव्य रामलीला का आयोजन होता रहा है. इसमें वृंदावन से आए कलाकार शानदार प्रस्तुति देते हैं. बिहार के पुराने और बड़े शहरों में आरा की गिनती है. यह पुराने शाहाबाद जिले का मुख्यालय रहा है. जिसमें अब भोजपुर, बक्सर, कैमूर और रोहतास शामिल हैं. आरा शहर में दशहरा के अवसर पर रामलीला मंचन की प्राचीन परंपरा रही है. कहा जाता है, लगभग 400 साल से यहां रामलीला की प्रस्तुति होती है. इसमें स्थानीय कलाकारों के अलावा बिहार और वृंदावन की रामलीला मंडलियां शामिल होती रही हैं.
गोलेदारों के सहयोग से होती थी रामलीला
इस आयोजन में कभी गोलेदारों की अहम भूमिका होती थी. गोलेदारों के सहयोग से ही रामलीला होती थी. लेकिन, समय के साथ स्थितियां बदली और अब पूरे शहर के लोगों के सहयोग से यह आयोजन रामलीला मैदान में होता है. प्राचीन समय में नागरी प्रचारिणी सभागार के पश्चिम मंच पर रामलीला होती थी. विगत चार दशक से अधिक से रामलीला मैदान में रामलीला होती है. रामलीला समिति का खुद का मैदान और मंच भी है, जहां इस बार भव्य रामलीला का आयोजन किया जा रहा है.
गोलेदारों के आर्थिक सहयोग से होता थी रामलीला
महाशय जी का गोला समेत अन्य गोलेदारों के आर्थिक सहयोग से रामलीला का मंचन होता था. गोलेदार अपनी आमदनी का कुछ भाग प्रतिदिन रामलीला के लिए निकालते थे. फिर इसे एकत्रित कर रामलीला में खर्च किया जाता था. अब पूरे शहरवासी इस आयोजन में सहयोग करते हैं. इस बार कोर कमेटी के सदस्य और प्रयोजक के रूप में सम्भवना आवासीय उच्च विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका में है. पहले दिन गणेश पूजन और नारदमोह से रामलीला की शुरुआत हुई, जो की दशमी के दिन मेघनाथ वध और रावण वध के साथ रावण दहन कर समाप्त की जाएगी. इस दिन देर रात तक भव्य देवी जागरण कार्यक्रम का भी आयोजन होगा. जिसमें कई प्रसिद्ध और नामचीन कलाकार हिस्सा लेंगे.
कलक्ट्री तालाब में होता था केवट प्रसंग
दिलीप कुमार गुप्ता ने बताया कि रामलीला के दौरान केवट संवाद को कलक्ट्री तालाब में प्रस्तुत किया जाता था. वहीं कलक्ट्री सूर्य मंदिर के पास मंच पर केवट संवाद और श्रीराम जी से संबंधित गीत भरत सिंह भारती, कृष्णा देवी समेत अन्य कलाकार प्रस्तुत करते थे. लगभत 30 सालों से यह परंपरा समाप्त हो गई है और अब रामलीला मंच पर ही यह संवाद होता है.
राजगद्दी के दिन होता है भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम
400 साल पुराने इतिहास में पहली बार रामलीला समिति की अध्यक्ष किसी महिला को बनाया गया है. शहर की सामाजिक व प्रबुद्ध महिला में आने वाली अर्चना सिंह को इस बार रामलीला समिति का अध्यक्ष चुना गया है. अर्चना सिंह ने बताया कि वृंदावन से रामलीला करने वाली प्रसिद्ध टोली को आमंत्रण कर बुलाया गया है. नवरात्रि के पहले दिन से लेकर दशमी तक ये टोली रामलीला की प्रस्तुति करेगी. जिसमें कई प्रसिद्ध कलाकार हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 16, 2023, 11:58 IST