मुंबई। तलेगांव दाभाड़े (जिला पुणे) में बंद पड़ी जनरल मोटर्स परियोजना के कामगारों के साथ सरकार मजबूती से खड़ी रहेगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज यहां कहा कि इस परियोजना को लेने वाली हुंडई कंपनी से रोजगार के अवसरों के लिए निरंतर संपर्क किया जाएगा।
जनरल मोटर्स की इस परियोजना को हुंडई कंपनी ने खरीद लिया है। जनरल मोटर्स द्वारा कामगारों को संतोषजनक मुआवजा दिया जाए तथा कुछ कामगारों को हुंडई कंपनी की सेवा में समायोजित किया जाए, इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री श्री शिंदे की अध्यक्षता में बैठक हुई।
वर्षा निवास स्थान पर संपन्न हुई इस बैठक में उद्योग मंत्री उदय सामंत, श्रम मंत्री डॉ. सुरेश खाड़े, सांसद श्रीरंग बारणे, विधायक सुनील शेलके, पूर्व विधायक बाला भेगड़े, श्रम विभाग की प्रमुख सचिव विनीता वेद सिंघल, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हर्षदीप कांबले, एम आई डी सी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. विपिन शर्मा के साथ- साथ जनरल मोटर्स कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी, कामगार संघों के पदाधिकारी, कामगार आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर जानकारी दी गई कि जनरल मोटर्स परियोजना के 1 हजार 578 कामगारों में से लगभग 696 कामगारों ने मुआवजा स्वीकार करने के बाद स्वेच्छा से अपनी नौकरी छोड़ दी है। बाकी कर्मचारियों के मुआवजे में बढ़ोतरी के साथ ही उनमें से कुछ को हुंडई द्वारा सेवा में लिए जाने की मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जनरल मोटर्स प्रबंधन को बाकी कामगारों की बढ़े हुए मुआवजे की मांग पर पुनर्विचार करना चाहिए।
हुंडई इस परियोजना को 2025 में शुरू करेगी। इस परियोजना को शुरू करने के लिए सरकार के तौर पर उनको पूरा सहयोग दिया जायेगा। यह परियोजना रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध कराएगी। इसलिए मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि मुआवजा न मानने वाले कामगारों और कुशल तथा अर्ध-कुशल कामगारों को प्राथमिकता के आधार पर सेवा में लिए जाए, इसके लिए आवश्यक फॉलोअप और प्रयास किए जाएंगे।