तेजस्‍वी यादव को मिली जापान जाने की इजाजत, दिल्‍ली की अदालत ने दी राहत, IRCTC टेंडर घोटाला मामले में हैं आरोपी

पटना. बिहार से बड़ी खबर है. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अब आसानी से विदेश दौरे पर जा सकेंगे. राउज एवेन्यु कोर्ट ने उन्हें विदेश यात्रा पर जाने की इजाजत दे दी है. तेजस्वी 24 अक्टूबर से 1 नवंबर के लिए जापान जाना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने कोर्ट से जापान जाने और पासपोर्ट रिलीज करने के निर्देश जारी करने की मांगी थी. तेजस्वी जमीन के बदले नौकरी और आईआरसीटीसी होटल टेंडर घोटाला मामले में आरोपी हैं. बता दें, बिहार में दबी जुबान से तेजस्वी की ताजपोशी की बातें भी हो रही हैं. दरअसल, जातिगत सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद से ही बिहार की सियासत में हलचल है.

आबादी के अनुरूप आरक्षण और जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात हो रही है. इस बीच विभिन्न जातियों के नेता अपनी-अपनी जातियों को प्रतिनिधित्व देने की मांग कर रहे हैं. जातीय सर्वे के आंकड़ों पर गौर करें तो बिहार में यादवों की संख्या 14 प्रतिशत से अधिक है. यादव जाति से डिप्टी सीएम तेजस्वी हैं और उन्हें 17.70 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले मुस्लिम समुदाय का पूरा समर्थन होने का दावा किया जाता है. ऐसे में दबी जुबान से ही सही, 2.87 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली कुर्मी जाति से आने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीएम की कुर्सी छोड़ने और तेजस्वी यादव की को सीएम बनाने की बातें भी सियासी गलियारों में में उठने लगी है.

तेजस्‍वी यादव को मिली जापान जाने की इजाजत, दिल्‍ली की अदालत ने दी राहत, IRCTC टेंडर घोटाला मामले में हैं आरोपी

क्या है आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला?
गौरतलब है कि, साल 2004 में जब लालू यादव रेलमंत्री थे तब रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया था. इनकी देखभाल करने के लिए टेंडर जारी किए गए थे. बाद में यह पाया गया कि टेंडर बांटने में गड़बड़ियां हुई हैं. लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के पुरी और रांची स्थित दो होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को नियमों को ताक पर रखते हुए कर दिया था.

शेल कंपनी को दिया था टेंडर
बाद में इस आवंटन के एवज में पटना में करोड़ों की जमीन एक शेल कंपनी डिलाइट मार्केटिंग कंपनी (जो अब लारा प्राइवेट कंपनी के नाम से जानी जाती है) को ट्रांसफर कर दिया गया था. माना जाता है कि यही लालू की बेनामी संपत्ति है. सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के हाथ में इस केस की जिम्मेदारी है. सीबीआई के मुताबकि प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि होटल आवंटन में गड़बड़ियां हुई हैं. होटल लीज पर देने के बदले जमीन ली गई. 65 लाख में 32 करोड़ की जमीन ली गई.

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