कनपुरिया स्टाइल में बिहार में छोला-भटूरे बेचते हैं संतोष, फाइव स्टार होटल जैसा है ठाठ-बांट

गुलशन कश्यप/जमुई : छोटे शहरों में भी फास्ट फूड का चलन लगातार बढ़ते जा रहा है. सुबह से शाम तक ऐसे दुकानों पर पसंदीदा फास्ट फूड आइटम खाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है.जमुई में भी छोले-भटूरे का एक ठेला किसी फाइव स्टार से कम नहीं है. यहां रोजाना दर्जनों की संख्या में लोग नाश्ता करते हैं और यही कारण है कि इस छोले-भटूरे के ठेले पर महीने में एक लाख रुपए तक की कमाई होती है.

सीतामढ़ी के युवक द्वारा इसका संचालन किया जाता है. तो अगर आप भी जमुई में छोले भटूरे का आनंद उठाना चाहते हैं तो यहां आकर आप छोले-भटूरे का लुत्फ उठा सकते हैं. दरअसल, यह ठेला जमुई जिला मुख्यालय के बोधवन तालाब के पास लगाया जाता है.

पीपल के पेड़ के नीचे ठेला लगाते हैं संतोष

बोधवन तालाब स्थित ऑटो स्टैंड के पास पीपल के पेड़ के नीचे प्रतिदिन सुबह 8 बजे के बाद से यह ठेला लगाया जाता है. सीतामढ़ी के रहने वाले संतोष साह के द्वारा इस ठेले का संचालन किया जाता है. उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से यहां ठेला लगाकर लोगों को छोले-भटूरे खिला रहे हैं रहे हैं. प्रतिदिन सुबह होते हीं दुकान लगा लेते हैं जो शाम तक चलता है. इस दौरान 100 से भी अधिक प्लेट छोले-भटूरे की बिक्री होती है और यहां मिलने वाले छोले-भटूरे की कीमत भी बाजार से काफी कम है. मात्र 25 रुपए में आप यहां छोले भटूरे का आनंद ले सकते हैं.

सीतामढ़ी में नहीं चलती थी दुकान तो आ गए जमुई

संतोष साह ने बताया कि सीतामढ़ी में भी छोले-भटूरे की दुकान चलाते थे. लेकिन वहां इससे अच्छी खासी कमाई नहीं हो पाती थी. इसलिए जमुई चले आए. उन्होंने बताया कि कानपुर में रहकर छोले-भटूरे बनाना सीख कर आए हैं और कानपुरिया स्टाइल का छोले- भटूरे जमुई में बेचते हैं. यही कारण है कि लोग काफी पसंद कर रहे हैं. रोजाना यहां तीन से साढ़े तीन हजार रुपए तक की बिक्री हो जाती है और महीने में छोले- भटूरे का कारोबार एक लाख रुपए तक पहुंच जाता है. अगर आप भी जमुई में छोले-भटूरे का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो इस दुकान से बेहतर आपके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं मिलेगा.

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FIRST PUBLISHED : October 13, 2023, 08:39 IST

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