पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 2022 में क्रिप्टोकरेंसी चोरी की दिल्ली पुलिस की जांच से पता चला कि दिल्ली के एक व्यक्ति के वॉलेट से चुराए गए क्रिप्टो को हमास आतंकवादियों के खातों में भेज दिया गया था।
क्या भारत से पैसा कभी फ़िलिस्तीनी आतंकवादी समूहों को भेजा गया था? 2022 में दिल्ली पुलिस द्वारा क्रैक किए गए क्रिप्टोकरेंसी मामले को देखते हुए कहा जा रहा है कि दिल्ली से गाजा स्थित आतंकवादी समूह हमास तक पैसे का एक रास्ता हो सकता। यह मामला इजरायल-हमास युद्ध और इजरायली अधिकारियों के रहस्योद्घाटन के बीच फिर से सामने आया है कि हमास इसके माध्यम से धन की मांग कर रहा था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 2022 में क्रिप्टोकरेंसी चोरी की दिल्ली पुलिस की जांच से पता चला कि दिल्ली के एक व्यक्ति के वॉलेट से चुराए गए क्रिप्टो को हमास आतंकवादियों के खातों में भेज दिया गया था। यह मामला उन खबरों के बीच फिर से सामने आया है कि हमास ने क्रिप्टोकरेंसी के जरिए धन जुटाने का अभियान शुरू किया है। पुलिस शिकायत के अनुसार, व्यक्तियों ने धोखाधड़ी से 2022 में एक खाते से लगभग 30 लाख रुपये मूल्य के बिटकॉइन, एथेरियम और बिटकॉइन कैश ट्रांसफर कर लिए। अदालत के आदेश के बाद मामला दर्ज किया गया और जांच साइबर अपराध इकाई की विशेष शाखा को स्थानांतरित कर दी गई।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि जांच से पता चला कि क्रिप्टोकरेंसी हमास की सैन्य शाखा अल-कसम ब्रिगेड द्वारा बनाए गए वॉलेट में पहुंच गई थी। क्रिप्टोकरेंसी का एक बड़ा हिस्सा मिस्र में अहमद मरज़ूक और फिलिस्तीन के अहमद क्यूएच सफ़ी सहित अन्य के खातों में स्थानांतरित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि ये वॉलेट मिस्र के गीज़ा से संचालित किए जा रहे थे। क्रिप्टो को मोहम्मद नसीर इब्राहिम अब्दुल्ला के वॉलेट में भी जमा किया गया था, लेकिन खातों को इज़राइल द्वारा आतंक-वित्तपोषण कार्रवाई में जब्त कर लिया गया था।
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