परमजीत कुमार/देवघर. कुछ ही दिनों में शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू होने वाला है. नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है. पूरे विधि विधान से माता की पूजा अर्चना करने सें घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. वहीं, नवरात्रि में पूजन विधि का खासा महत्व है. देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नन्दकिशोर मुद्गल ने बताया कि नवरात्रि में कई फूल ऐसे भी हैं जिन्हें अर्पण नहीं करना चाहिए. ऐसा करने सें माता रुष्ट हो जाती हैं और अशुभ प्रभाव भी पड़ सकता है.
ज्योतिषाचार्य पंडित नन्दकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि हर पूजा पाठ में पुष्प अर्पण किया जाता है. माता दुर्गा के चरणों मे पुष्प अर्पित करने सें सुख समृद्धि की वृद्धि होती है. इसके साथ पापों का नाश होता है और उत्तम फलों की प्राप्ति होती है. साथ ही बताया कि नवरात्रि में माता दुर्गा के अलग अलग रूपों को अलग अलग फूल चढ़ाने की परम्परा है, लेकिन कई ऐसे फूल हैं जिसे चढ़ाने सें माता दुर्गा नाराज हो सकती हैं और नकारात्मक शक्तियां बढ़ सकती है.
इन फूलों को ना करें अर्पण
पंडित नन्दकिशोर मुद्गल ने बताया कि देवी दुर्गा को कई फूल पसंद हैं. जैसे माता दुर्गा को गुड़हल का फूल और लाल अड़हुल अतिप्रिय है. वहीं, कई ऐसे फूल हैं, जोकि माता दुर्गा को अर्पण नहीं किए जा सकते हैं. इसमें केतकी और धतूरा का फूल शामिल है. इसके साथ ही तगर और मदार का फूल माता दुर्गा को नहीं अर्पण करना चाहिए. जबकि माता दुर्गा को सूखा हुआ फूल भी नहीं चढ़ाएं. सबसे अहम बात यह है कि माता दुर्गा को दूर्वा नहीं चढ़ाना चाहिए. इससे माता नाराज हो सकती हैं. परिवार के ऊपर अशुभ असर पड़ता है.
ये है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कलश स्थापना हमेशा अभिजीत मुहूर्त और प्रतिपदा तिथि में करना शुभ माना गया है. 15 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 38 मिनट सें प्रारंभ होकर 12 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है. वहीं, 12 बजकर 24 मिनट में वैधृति योग शुरू हो रहा है, इसलिए शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए मात्र 45 मिनट का ही शुभ मुहूर्त है.
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FIRST PUBLISHED : October 10, 2023, 09:56 IST