नई दिल्ली. नीदरलैंड के एक वैज्ञानिक ने कुछ दिन पहले पाकिस्तान (Pakistan) में विनाशकारी भूकंप (Earthquake) आने की भविष्यवाणी की थी, लेकिन इस भविष्यवाणी के बाद भूकंप के झटके भारत और नेपाल में आने शुरू हो गए हैं. पिछले 48 घंटे में भारत के कई हिस्सों में भूकंप के लगातार झटके आए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक सोमवार को ही पूर्वोत्तर राज्य असम, मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भूकंप के झटके आए थे. रविवार को हरियाणा के हुछ हिस्सों में भी भूकंप के हल्के झटके आए. सोमवार को एक बार फिर से भारत और नेपाल के कई हिस्सों में भूकंप के झटके आए हैं. बता दें कि हाल ही में नीदरलैंड के डच शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स (Frank Hoogerbeets) ने कहा था कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान के चमन इलाके में फॉल्ट लाइनों के साथ इलेक्ट्रिक चार्ज के उतार-चढ़ाव में असामान्य बढ़ोतरी देखी जा रही है. इससे पाकिस्तान में शक्तिशाली भूकंप आ सकता है. हूगरबीट्स ने यह भी कहा था कि यह भूकंप 1 से 3 अक्टूबर के बीच आएगा. अब, हूगरबीट्स की भविष्यवाणी सच तो हुई, लेकिन भूकंप पाकिस्तान में आने के बजाए भारत और नेपाल में आ गया.
भूकंप की तीव्रता को भूकंपमापी यंत्र से की जाती है, जिसे सीस्मोग्राफ कहा जाता है. वैज्ञानिकों की मानें तो भूकंप का केंद्र तरंगों के बदलाव होने से बदल भी सकते हैं. तरंगों में उतार-चढ़ाव होने से 250 किलोमीटर तक भूकंप का केंद्र खिसक सकता है. शायद इसी वजह से पाकिस्तान में आने के बजाए भूकंप भारत और नेपाल में आ गया. मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में भूकंप के जोरदार झटके आए. इससे पहले सोमवार को भी देश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके आए थे. हालांकि, इसमें किसी की हताहत होने की खबर नहीं है.
नेपाल में 4.6 तीव्रता का पहला भूकंप दोपहर 2:25 बजे आया. (एएनआई)
पाकिस्तान के बजाए भारत-नेपाल में क्यों आया भूकंप?
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक मंगलवार को आए भूकंप का केंद्र नेपाल था. दिल्ली के अलावा भूकंप के तेज झटके पूरे उत्तरी क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में भी महसूस किया गया. इस साल के शुरुआत में ही भारत में तेज भूकंप के झटके लगातार आ रहे हैं. भारत में हर साल औसतन 1000 हार बार भूंकप के झटके आते हैं. भारत के तकरीबन 60 फीसदी हिस्सा भूकंप के उच्च खतरे वाले जोन में आते हैं. सबसे ज्यादा खतरा हिमालयी इलाके में रहता है.
भूकंप को लेकर भविष्यवाणी में कितना दम
वहीं, दूसरे देशों की बात करें हाल ही में तुर्की और सीरिया में भूकंप ने काफी तबाही मचाई थी. भयंकर विनाशकारी भूकंप में 3400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और हजारों करोड़ की संपत्ति बर्बाद हो गई थी. आपको बता दें सीरीया और तुर्की में आए भूंकप इतना खतरनाक था कि दो दिन में ही भूकंप के 550 झटके आए थे. भूकंप से हुए नुकसान का आंकलन अभी तक चल रहा है. पिछले कई महीनों से बचाव-कार्य किए गए थे.
earthquake News: दिल्ली-एनसीआर समेत आज करीब 8-10 जगहों पर धरती हिली है.
भारत में किन जगहों पर भूकंप का खतरा ज्यादा
भारतीय मानक ब्यूरो ने भूकंप को लेकर देश को पांच अलग-अलग जोन में बांटा है. देश में पांचवें जोन को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. इस जोन में भूकंप आने पर बड़े पैमाने पर तबाही मचता है. भूकंप वैज्ञानिक की मानें तो पांचवें जोन में देश का 11 प्रतिशत जमीन का हिस्सा है. इस जोन में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा, उत्तराखंड का पूर्वी इलाका, गुजरात का कच्छ, उत्तरी बिहार का हिस्सा, भारत के सभी पूर्वोतर राज्य और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का हिस्सा खतरनाक जोन में आता है.
इस साल के शुरुआत में पाकिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप के बाद राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ सीमा से सटे भारत के पश्चिमी हिस्से पर ट्रिपल जंक्शन सूक्ष्म स्तर के भूकंप की संभावना नजर आ रहे हैं. यहां 3 टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं और परस्पर क्रिया करती हैं. ट्रिपल जंक्शन महत्वपूर्ण भूकंपीय और ज्वालामुखीय गतिविधि का स्थल हो सकता है. प्लेटों की गति, जो पृथ्वी की पपड़ी में तनाव और तनाव के निर्माण का कारण बनती है.’
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FIRST PUBLISHED : October 3, 2023, 19:33 IST